खबर शहर , Agra News: पुलिस मुठभेड़ के चार आरोपी दोषी, 10-10 साल की कैद – INA

मैनपुरी। थाना एलाऊ क्षेत्र में 13 साल पहले पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए कानपुर देहात रमाबाईनगर जिले के रहने वाले चार बदमाशों को स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह ने 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। उन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद चारों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।

थाना एलाऊ क्षेत्र में तारापुर भोगांव मार्ग पर ईशन नदी पुल के पास 26 मई 2011 को एक बालक के अपहरण की तीन लाख की फिरौती वसूलने आए बदमाशों की थाना एलाऊ पुलिस से मुठभेड़ हुई। पुलिस ने पांच बदमाशों को मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया। दो बदमाशों के कब्जे से तमंचे भी बरामद हुए। पुलिस ने पांचों को जेल भेजने के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में भेज दी। मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह के न्यायालय में हुई।

एक आरोपी हरप्रसाद निवासी विकासनगर थाना मंगलपुर जिला कानपुर देहात की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। गवाही के आधार पर राजू निवासी विकासनगर, रामबाबू, मोनू निवासी मालेगांव थाना रसूलाबाद, मुलायम उर्फ राजू उर्फ कमल निवासी उरमान थाना डेरापुर जिला कानपुर देहात को पुलिस से मुठभेड़ का दोषी पाया गया। स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह ने चारों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। उन पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।




तमंचा रखने पर तीन साल की सजा

पुलिस ने रामबाबू तथा मोनू को पकडऩे के बाद उनके कब्जे से एक एक तमंचा बरामद किया था। तमंचा रखने के आरोप में उनके खिलाफ अलग से मुकदमा चला। आरेाप साबित होने पर स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह ने दोनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। उन पर 2500-2500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।




अपहरण में पहले हो चुकी सजा

थाना एलाऊ क्षेत्र के गांव टिकसुरी के रहने वाले योगेंद्र सिंह खुर्जा में प्राइवेट नौकरी करते थे। उनके साथ रामबाबू निवासी मालेगांव थाना रसूलाबाद जिला रमाबाईनगर भी नौकरी करते थे। 2011 में रामबाबू नौकरी छोड़कर योगेंद्र के साथ टिकसुरी आ गया था। 13 मई 2011 को योगेंद्र के चार साल के भतीजे अंकित का फिरौती की नीयत से अपहरण करके रामबाबू अपने साथ मोटर साइकिल से ले गया। अपहरण की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद थाना एलाऊ पुलिस ने अंकित को रामबाबू के कब्जे से बरामद कर लिया। इस मुकदमे में 28 जून 2024 को स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह चारों को आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी हैं।





बालक ने की थी सभी की पहचान

पीडि़त बालक अंकित ने अदालत में आरोपियों की पहचान की। उसने गवाही में बताया कि रामबाबू उसको जबरदस्ती अपने गांव ले गया था। रामबाबू ने उसे छोडऩे के लिए उसके पिता से तीन लाख रुपये मांगे थे। पिता द्वारा रुपये देने से पहले ही पुलिस ने रामबाबू, मोनू, हरप्रसाद, अभिलाख उर्फ राजू, मुलायम उर्फ राजू को पकड़कर उसको छुड़ा लिया था। उसको 12 दिन तक भरपेट खाना भी नहीं दिया गया था। उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसको रखा गया था।


Credit By Amar Ujala

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