यूपी – कलंक के किरदार: तीन आरोपी…450 पेज और 12 गवाह, चार सेट में दाखिल हुई चार्जशीट, पढ़ें बहादुर बिटिया की कहानी – INA

कन्नौज “इत्रनगरी” के बहुचर्चित किशोरी दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव सहित तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। 450 पेज की इस चार्जशीट में 12 गवाह और तीन इलेक्ट्रॉनिक तथा एक वैज्ञानिक साक्ष्य को शामिल किया गया है। पुलिस ने चार सेट में आरोप पत्र दाखिल किया है।


चार्जशीट में तीन पेन ड्राइव भी शामिल
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि 450 पेज के आरोप पत्र में साक्ष्य के तौर पर तीन पेन ड्राइव भी शामिल हैं। इनमें एक पेनड्राइव में वीडियो क्लिप, दूसरी में डिग्री कॉलेज के डीवीआर के फुटेज तथा तीसरी में पुलिस कस्टडी रिमांड हुई पूछताछ की वीडियो क्लिप है। इसके अलावा नवाब सिंह, नीलू यादव और बुआ की 40-40 पन्नों की सीडीआर, तीन पन्नों की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट तथा दो पन्नों की पीआरवी 112 की रिपोर्ट शामिल है।


ये हैं कलंक के किरदार

एक: मुख्य आरोपी नवाब सिंह यादव ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव

  • आरोप- 11 अगस्त की रात चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज में बने रेस्ट रूम में 14 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। उसके पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान।
  • सुबूत- पीड़िता के बयान और मेडिकल परीक्षण तथा फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म पुष्टि। डिग्री कॉलेज के डीवीआर के फुटेज तथा तीसरी में पुलिस कस्टडी रिमांड हुई पूछताछ की वीडियो क्लिप। मौके की वीडियो रिकॉर्डिंग, बुआ के साथ फोन कॉल की सीडीआर। फोरेंसिक और डीएनए रिपोर्ट।  नवाब सिंह को 12 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, तब से वह जिला कारागार में बंद है। 
  • वर्तमान ठिकाना- जमानत याचिका खारिज, अभी जेल में।


दूसरा: मुख्य आरोपी नवाब सिंह यादव के छोटे भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख नीलू यादव सहआरोपी है।

  • आरोप- साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़। भारतीय न्याय संहिता की धारा 238 बी के अंतर्गत उस पर आरोप तय किए गये हैं। उसने पीड़िता की बुआ को किशोरी का मेडिकल परीक्षण न होने देने तथा कोर्ट में बयान न कराने के एवज में चार लाख रुपये दिए थे। सिर्फ तीन साल की सजा का प्रावधान है।
  • सुबूत- चार लाख रुपये बुआ के खाते में भेजने का बैंक खाते का डिटेल। फोन की सीडीआर, एक दिन में बुआ से बार बातचीत की कॉल डिटेल। नीलू का नाम नवाब के जेल जाने के बाद सामने आया था। जब उसने बड़े भाई को बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंड़े अपनाने शुरू किए।
  • वर्तमान ठिकाना- जमानत याचिका खारिज, अभी जेल में।


तीन: किशोरी दुष्कर्म कांड में पीड़िता की बुआ को भी सहआरोपी बनाया गया है।

  • आरोप- पूरे षडयंत्र में शामिल है। नवाब सिंह यादव से उसके पहले से शारीरिक संबंध थे। साजिश के तहत उसने नाबालिग भतीजी के साथ इस तरह की घटना को अंजाम दिलाई। विवेचना को प्रभावित करने की कोशिश की तथा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की। गलत बयान देकर पुलिस जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।
  • सुबूत- पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान दिए गए बयान की वीडियो क्लिप। मौके पर क्राइम का सीन का वीडियो जिसमें बुआ नवाब सिंह के साथ मौजूद दिखी थी। फोन की सीडीआर, एक दिन में नवाब के भाई से 48 बार बातचीत की कल डिटेल। घटना वाले दिन नवाब सिंह से एक दिन में 57 बार बातचीत की सीडीआर। चार लाख रुपये खाते में आने का बैंक का डिटेल।
  • वर्तमान ठिकाना- जमानत याचिका खारिज, अभी जेल में।


बहादुर बिटिया ने दिखाया समाज को आइना
भले ही शासन की तरफ से मिशन शक्ति और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, फिर भी समाज की स्थिति यह है कि आज भी कई बेटियां चुपचाप अपराध को सहन कर लेतीं हैं और परिवार वाले भी अपनी इज्जत बचाने के लिए आवाज नहीं उठाते हैं। वहीं, इत्रनगरी की इस बहादुर बिटिया ने कद्दावर नेता रहे नवाब सिंह यादव के रसूख को ध्वस्त कर दिया और समाज को संदेश दिया कि यदि बेटियां इसी तरह आवाज उठाएं, तो निश्चित ही इस तरह के अपराधों पर लगाम लग सकती है।


जान बचाने के लिए बड़ी सूझबूझ से काम लिया
तिर्वा तहसील क्षेत्र के एक छोटे से गांव की रहने वाली किशोरी हाईस्कूल में पढ़ती है। उसे अपनी सगी बुआ के मंसूबों के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था कि अब उसका भविष्य दांव पर लगने वाला है। 11 अगस्त को बुआ की बातों पर विश्वास कर वह रात में चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज पहुंची, जहां उसके साथ दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिया गया। उसने अपनी जान बचाने के लिए बड़ी सूझबूझ से काम लिया और माता-पिता से बात करने के बहाने मोबाइल लिया।


माता-पिता ने भी साथ दिया
बाहर आकर उसने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दे दी। अपनी बहादुरी से उसने नवाब सिंह का काला चेहरा बेनकाब कर दिया। इतना ही नहीं बुआ ने उस पर मेडिकल परीक्षण न कराने तथा कोर्ट में बयान न देने का दबाव बनाया, फिर भी उसने किसी की बात नहीं मानी और कोर्ट में बेबाकी से बयान दिए। उसकी बहादुरी में उसके माता-पिता ने भी साथ दिया, जिससे बुआ भी कानूनी शिकंजे में फंसती चली गई। पुलिस ने चार्जशीट में बेटी की बहादुरी का भी जिक्र किया है।


इस तरह रहा घटनाक्रम

  • 11 अगस्त: रात में किशोरी के साथ डिग्री कॉलेज में दुष्कर्म
  • 12 अगस्त: आरोपी नवाब सिंह यादव गिरफ्तार
  • 12 अगस्त: फोरेंसिक टीम ने कॉलेज से नमूने लिए
  • 13 अगस्त: पीड़िता का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण हुआ
  • 16 अगस्त: पीड़िता और आरोपी का डीएनए सैंपल लिया गया
  • 21 अगस्त: षड़यंत्र में शामिल पीड़िता की बुआ गिरफ्तार
  • 28 अगस्त: नवाब सिंह के भाई नीलू पर 25 हजार का इनाम
  • 02 सितंबर: डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि


Credit By Amar Ujala

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