यूपी – UP Encounter: इस वजह से फंसा था सुल्तानपुर डकैती कांड का बदमाश अनुज… व्यापारियों ने एसटीएफ को दिया सुराग – INA

सुल्तानपुर में सराफा कारोबारी की दुकान पर डकैती की वारदात को अंजाम देने वाला अनुज प्रताप सिंह उन्नाव के शुक्लागंज में चार किलो चांदी बेचने की फिराक में था। इससे मिलने वाली रकम को लेकर वह किसी दूसरे राज्य में पनाह लेने वाला था। उसके पास मौजूद चांदी नई होने की वजह से सराफा कारोबारी को संदेह हुआ और उसने खरीदने से मना कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक सुल्तानपुर की घटना से भयभीत व्यापारी ने अनुज के पास मौजूद चांदी नई होने और उसकी गतिविधियां संदिग्ध होने की जानकारी तत्काल व्यापार मंडल के अपने साथियों को दी, जिसके बाद एसटीएफ से इसे साझा किया गया। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने उन्नाव जाकर अनुज की तलाश शुरू कर दी और उसे अचलगंज इलाके में घेर लिया। 

पुलिस टीम को देखकर उसने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया। उसे तत्काल स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के भेजा गया, जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हालांकि रास्ते में उसकी मौत हो गई।

आजीवन कारावास के लिए करेंगे मजबूत पैरवी

अधिकारियों के मुताबिक डकैती में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा कराने के लिए पुलिस अदालत में मजबूत पैरवी करने में मदद करेगी। पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों के मुताबिक साक्ष्य संकलन में विशेष सावधानी बरती है। 

 


साक्ष्यों की बरामदगी की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। वहीं दुकान की रेकी करने, घटनास्थल पर डकैतों की मौजूदगी और फरार होने के दौरान कई जगहों पर उनके आवागमन की सीसीटीवी फुटेज भी जुटाई गई हैं। डीजीपी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापारी को मुकदमा लड़ने के लिए किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवाएं लेने की सलाह भी दी है।
 


पुलिस से भी मोर्चा लेने की थी तैयारी
डकैतों के दुस्साहस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पुलिस से भी मोर्चा लेने की पूरी तैयारी की थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक डकैती के दौरान मुख्य सरगना विपिन सिंह बोलेरो गाड़ी में हथियारों के साथ मौजूद था, ताकि पुलिस के आने पर मुकाबला किया जा सके।
 


सराफा डकैती कांड : मुठभेड़ में एक लाख का इनामी अनुज प्रताप सिंह भी ढेर
सुल्तानपुर सराफा डकैती में शामिल एक लाख के इनामी अमेठी निवासी अनुज प्रताप सिंह को सोमवार सुबह उन्नाव के अचलगंज में एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। गोली उसके सिर में लगी है। इससे पहले पांच सितंबर को एसटीएफ ने ही जौनपुर निवासी डकैत मंगेश यादव को ढेर किया था। मामले में कुल 15 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। नौ को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। दो मुठभेड़ में मारे गए हैं। डकैती में शामिल अरबाज, फुरकान, अंकित यादव और एक अज्ञात अब भी फरार हैं।

 


सुल्तानपुर जिला मुख्यालय के ठठेरी बाजार में 28 अगस्त को दिनदहाड़े सराफा कारोबारी भरतजी सोनी की दुकान में डकैती पड़ी थी। हथियारों से लैश पांच डकैत दो करोड़ के आभूषण उठा ले गए थे। इन पांच बदमाशों में अरबाज, फुरकान, मंगेश यादव, अंकित के साथ अमेठी के जनापुर थाना मोहनगंज निवासी अनुज प्रताप सिंह भी शामिल था। पुलिस के अनुसार दुकान में सबसे पहले घुसने वाला अनुज ही था, जिसने उस दिन सफेद शर्ट और नीली जींस पहनी थी।

 


इसके पहले सुल्तानपुर कोतवाली देहात के मिश्रपुर पुरौना गांव के पास एसटीएफ ने जौनपुर निवासी मंगेश यादव को मार गिराया था, जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने मुठभेड़ पर सवाल उठाया था। जाति विशेष को निशाने पर रखने की बात कही थी। अनुज की मुठभेड़ के बाद उसके पिता धर्मराज ने कहा कि इनकाउंटर में ठाकुर के मारे जाने से अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई।

 


15 में नौ डकैत अमेठी के
डकैती में शामिल 15 बदमाशों में से नौ अमेठी जनपद के रहने वाले हैं। इनमें अमेठी के आशपुरु रूरू थाना मोहनगंज का अरबाज, पूरे चंदई चिलौली थाना मोहनगंज का फुरकान अब भी फरार है। इनके अलावा अरबाज का एक साथी और प्रतापगढ़ के हरिपुरा थाना आसपुर देवसरा का अंकित यादव भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

 


सराफा कारोबारी की दुकान में डकैती डालने वालों में अनुज प्रताप सिंह भी शामिल था। उन्नाव में एसटीएफ की मुठभेड़ में वह मारा गया। चार डकैतों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगी हुई हैं।-सोमेन बर्मा, पुलिस अधीक्षक
 



Credit By Amar Ujala

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