खबर शहर , पानी में जहर: जिंदगी निगल रहा व्यवस्था का कैंसर, इस इलाके में 30 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत – INA

बरेली के आंवला तहसील क्षेत्र के रामनगर और मझगवां ब्लॉक के गांवों में एक दशक से कैंसर लोगों की जान ले रहा है। पांच साल पहले जल निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन गांवों में पहुंचकर पानी की जांच की थी। इसमें आर्सेनिक और फ्लोराइड मिलने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा, आज भी यहां की 14 हजार आबादी व्यवस्था के कैंसर से जूझ रही है। 30 से ज्यादा लोग कैंसर से जान गंवा चुके हैं। कई लोग अब भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

रामनगर ब्लॉक के गांव भूरीपुर, ढिलवारी के छह हजार लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। एक दशक में कैंसर से गांव के 12 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। गांव के पानी में आर्सेनिक व फ्लोराइड मिलने की पुष्टि हुई है, पर जिम्मेदारों ने इससे निपटने का कोई इंतजाम नहीं किया। रहनुमाई का दम भरने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया। नतीजा, कैंसर ने किसी की मांग सूनी की तो किसी को अनाथ बना दिया। किसी की बुढ़ापे की लाठी छीन ली। अभी कुछ महीने पहले ही कैंसर से बुद्धसेन की मौत हुई थी। 

भूरीपुर के बुजुर्ग ग्रामीण रामपाल, सुरेशपाल ने बताया कि चार हजार की आबादी वाले गांव में चार से पांच स्थानों पर दो सौ फुट गहरे बोरिंग वाले हैंडपंप लगे हैं। उसी से पूरा गांव पानी पीता है। बाकी हैंडपंप से आर्सेनिक निकलता है। नलों का पानी बर्तन में रखने के बाद कुछ देर में पीला हो जाता है।


30 से ज्यादा लोग कैंसर से गंवा चुके हैं जान 
200 फुट गहरे बोरिंग वाले हैंडपंप लगे हैं भूरीपुर गांव में  

संचालित नहीं हो सका आर्सेनिक रिमूवल प्लांट 
ढिलवारी के प्रधान तोरपाल मौर्य के अनुसार पांच साल में इस बीमारी से छह लोगों की मौत हो चुकी है। आर्सेनिक रिमूवल प्लांट अभी संचालित नहीं हो रहा है। इस समय भी गांव में तीन लोग कैंसर से जूझ रहे हैं। इसमें दो महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। उनका इलाज जारी है।

ओवरहेड टैंक के निर्माण में भी खानापूर्ति
ग्रामीण शिवकुमार के मुताबिक जल जीवन मिशन के तहत गांव में ओवरहेड टैंक के निर्माण के नाम पर खानापूर्ति की गई है। इसकी टेस्टिंग की तो कई जगह पाइप लाइन में लीकेज मिला। इस वजह से जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी। यदि लोगों को स्वच्छ जल मिलेगा तो गांव की हालत में सुधार आएगा। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।


पानी का नमूना लेकर चले जाते हैं अफसर
ग्रामीणों ने बताया कि कई साल पहले गांव में सीएमओ टीम के साथ आए थे। मरीजों के परिजनों से पूछताछ भी की थी। बीमारी से संबंधित कागजात भी देखे थे। इसके बाद कोई नहीं आया। जल निगम, स्वास्थ्य विभाग की टीम आती है। पानी का नमूना लेकर चली जाती है।

अतरछेड़ी : पांच साल में 20 मौतें
मझगवां ब्लॉक की आठ हजार आबादी वाली ग्राम पंचायत अतरछेड़ी में बीते पांच साल में कैंसर से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। पांच का अभी इलाज चल रहा है। यह मामला समाधान दिवस में उठा था। ग्रामीणों ने गांव में कैंप लगाने की मांग की थी।

जल निगम को सूचित कर गांवों में पानी की जांच कराई जाएगी। आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगवाने का प्रयास करेंगे। जो भी हो सकता है, किया जाएगा। – विजेता, ब्लॉक प्रमुख रामनगर

गांव में मरीजों की जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति है तो वह जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र भी आ सकते हैं। – डॉ. सुनील कुमार, सीएचसी प्रभारी आंवला, रामनगर


Credit By Amar Ujala

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