यूपी – High Court : फोटो वेरिफिकेशन सेंटर के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को, फर्जी फोटो पर मिली थी आरोपी को जमानत – INA

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फोटो वेरिफिकेशन सेंटर के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को सौंप दी है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से निहारिका इंटरप्राइजेज के माध्यम से संचालित सेंटर पर खींचे गए कथित फोटो के आधार पर अमरोहा के हमले के आरोपी को जमानत मिली थी। साथ ही आपराधिक कार्यवाही पर रोक भी लग गई थी। कोर्ट ने सीबीआई से चार नवंबर तक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट तलब की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने गुरेंद्र उर्फ गोलू की पुनरीक्षण याचिका पर दिया। मामला अमरोहा के बछरावां में दर्ज जानलेवा हमले से जुड़ा है। अभियोजन की कहानी के मुताबिक 12 मई 23 की सुबह नौ बजे याची सहित चार लोगों ने पुष्पा को गोली मार दी। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे छह गोली लगी। अस्पताल में भर्ती कराया गया और जान बच गई। पीड़िता की बहन ने बछरावां थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने दो आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल की।

जिला अदालत ने मामले का संज्ञान लिया। इसके खिलाफ याची ने उन्मोचन प्रार्थना पत्र दाखिल किया। दावा किया कि घटना वाले दिन वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फोटो ‘फोटो वेरिफिकेशन सेंटर’ पर था। दावे के समर्थन में उसने खींचे गए फोटो को अर्जी संग दाखिल किया था। यह भी कहा कि इसी आधार पर उसे हाईकोर्ट से जमानत भी मिली है। हालांकि, जिला अदालत ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की। कोर्ट ने उसके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए पीड़िता को नोटिस जारी किया।


खुद का फोटो पेश कर पीड़िता ने उजागर किया फर्जीवाड़ा

हाईकोर्ट का नोटिस पाने के बाद पीड़िता ने याची के फोटो वेरिफिकेशन सेंटर पर खींचे फोटो को फर्जी बताया। अपनी बात साबित करने के लिए उसने भी पैसे खर्च कर 12 मई 23 को खींचे फोटो को 21 सितंबर 24 में परिवर्तित करवा कर वकील के जरिये कोर्ट में दाखिल किया। दावा किया कि फोटो वेरिफिकेशन सेंटर पर पैसे से किसी भी दिन का फोटो प्राप्त किया जा सकता है।


बार के सचिव ने दी रिपोर्ट, कहा-कराई जाए सीबीआई जांच

फर्जीवाड़े की कहानी उजागर होने पर कोर्ट ने बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय को अदालत में जानकारी देने के लिए बुलाया। सचिव ने जांच रिपोर्ट पेश की। बताया कि पुष्पा का फोटो 12 मई 2023 को खींचा गया था। फोटो ‘फोटो वेरिफिकेशन सेंटर’ में संचालित समस्त कंप्यूटर इंटरनेट के माध्यम से वेब मार्क्स इंडिया से संचालित होते हैं। यदि सर्वर कंप्यूटर में तिथि परिवर्तित भी कर दी जाए तो भी निकलने वाली रसीद व फोटो में वही तारीख अंकित होगी, जिस दिन खींचा गया था। जांच के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि सही में पुष्पा के अंगूठे का निशान फोटो के नीचे दिख रहा है। जबकि, 21 सितंबर 24 के फोटो पर तारीख कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बदली है। साथ ही फोटो के नीचे अंगूठे का निशान नहीं दिख रहा। इसी से स्पष्ट हो रहा है कि फोटोग्राफ भी संपादित है। सचिव ने मामले को गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की।

कोर्ट ने स्थगन आदेश बढ़ाने से किया इन्कार

कोर्ट ने याची के खिलाफ ट्रायल पर लगी रोक . बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। साथ ही कहा कि मामला गंभीर है। दस्तावेजों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच जरूरी है। लिहाजा, कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व हाईकोर्ट के महानिबंधक को आदेश की प्रति संयुक्त निदेशक सीबीआई लखनऊ को भेजने का आदेश दे दिया है। कहा कि सीबीआई चार नवंबर को जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश करे।


Credit By Amar Ujala

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