यूपी- गाजियाबाद के इस सिद्ध पीठ में प्रसाद पर बैन, अब सिर्फ इन चीजों का लगेगा भोग – INA

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में अब बाजार की मिठाई से भोग नहीं लगेगा. इसी पीठ से संबंधित चौपला वाले बजरंगबली को भी अब प्रसाद के रूप में बाजार के लड्डू नहीं मलेंगे. बल्कि इन दोनों ही मंदिरों में भोग के तौर पर फल, नारियल, चना, गुड़ और धागे वाली मिश्री से भोग चढा़या जाएगा. मंदिर प्रबंधन ने यह बदलाव तिरुपति लड्डू विवाद के चलते लिया है. इस संबंध में मंदिर के महंत और पंचदशनाम जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि ने आदेश जारी किया है. इसी के साथ उन्होंने भक्तों से भी इस व्यवस्था में सहयोग की अपील की है.

उन्होंने भक्तों से अपील करते हुए कहा कि भगवान शिव और हनुमान जी हमारे इष्ट हैं और इन्हें हम कोई दूषित पदार्थ भोग में नहीं परोस सकते. चूंकि इस समय तिरुपति के लड्डुओं का मामला गर्म है, ऐसे में इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता कि यहां बाजारों में बनी मिठाई मिलावटी नहीं होगी. महामंडलेश्वर नारायण गिरी ने भक्तों आग्रह किया है कि कोई भी भक्त आज के बाद मंदिर में बाजार की मिठाई भोग स्वरुप अर्पित ना करें. उन्होंने भगवान के भोग के लिए कुछ विकल्प भी सुझाए हैं.

प्रसाद का बताया ये विकल्प

कहा कि भक्त यदि चाहें तो घर में शुद्ध और पवित्र अवस्था में बनाया गया भोग भगवान को अर्पित किया जा सकता है.
यदि इस तरह का भोग संभव ना हो तो भक्तगण बाजार से फल-फूल के अलावा धागे वाली मिश्री और नारियल लाकर दोनों मंदिरों में भोग अर्पित कर सकते हैं और ऐसा करने से निश्चित रूप से देवता प्रसन्न होंगे. उन्होंने खासतौर पर दूधेश्वर नाथ मंदिर में भोग के तौर पर फल के अलावा नारियल चढ़ाने की अपील की है, वहीं चौपला वाले हनुमान जी को गुड़-चना, धागे वाली मिश्री का प्रसाद चढ़ाने को कहा है. इस अपील के साथ ही पुजारियों को भी निर्देश दिया है कि इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाए.

गर्म है तिरुपति के लड्डू का विवाद

बता दें कि इस समय तिरुपति के लड्डू का विवाद काफी गर्म है. पिछले दिनों जानकारी आई थी कि तिरुपति में चर्बी से बना घी सप्लाई हो रहा था और इसी घी से बने लड्डू भक्तों को दिए जाते थे. यहां तक कि राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी यहां से लड्डू भेजे गए थे. मामला तूल पकड़ने के बाद तिरुपति ट्रस्ट ने घी सप्लाई करने वाली एजेंसी को तो बदल दिया, लेकिन अब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है. ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तो यहां तक कह दिया कि इस घटना के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है.


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