खबर शहर , डीएम की जांच में खुलासा: मुरादाबाद में उड़ता रहा भ्रष्टाचार का धुंआ, महज कागजों में बंद किए गए 12 ईंट भट्ठे – INA

प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई के दावों की पोल डीएम की आंतरिक समिति की जांच में खुल गई। एनजीटी को भेजी रिपोर्ट में विभाग ने जिन ईंट भट्ठों को बंद दिखाया था, वह सभी संचालित मिले। बिना पर्यावरण की चिंता किए संचालित हो रहे इन ईंट भट्ठों की जानकारी के बाद डीएम ने क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है।

बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी ने ईंट-भट्ठों बंद करवाने के निर्देश दिए थे। विभाग ने कागजों में भट्ठों को बंद करने की कार्रवाई दिखाई। इसके बाद जिलाधिकारी के समक्ष एक शिकायत आई थी कि क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनजीटी में एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) देकर बताया है कि उनके द्वारा जिले में जिन ईंट भट्टों को कार्रवाई करते हुए बंद दिखाया है, वह अभी भी संचालित हैं।

शिकायत का संज्ञान लेते हुए डीएम अनुज सिंह ने आंतरिक समिति को जिले के सभी ईंट-भट्ठों की जांच के निर्देश दिए। आंतरिक समिति की रिपोर्ट में पता चला कि जिले के 12 ऐसे भट्ठे संचालित हैं, जिनकी एनजीटी में बंद होने की रिपोर्ट भेजी गई है। चर्चा है कि हर माह होने वाली जिला स्तरीय बैठक में इन भट्ठों के संचालन की बात उठती थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।


सरकारी विभागों में ईंट आपूर्ति की चर्चा

बताया जाता है कि इन भट्ठों पर न सिर्फ ईंटें बनाई जा रही थीं, बल्कि जांच में कई ऐसे भट्ठे भी संचालित मिले, जहां से सरकारी विभागों में होने वाले कार्यों के लिए भी ईंटों की आपूर्ति की जाती है। हालांकि इस मामले में अब अधिकारी स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं।


स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं गैसें

विशेषज्ञों का कहना है कि ईंट भट्ठाें से कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड गैसें निकलती हैं। इसके अलावा सूट पार्टिकल्स (काले कण), आरएसपीएम (रेस्परेटरी सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मेटर) निकलते हैं। ये गैसें और कण नाक के माध्यम से फेफड़ों में जाते हैं।

इसके अलावा मजदूरों को आंख, कान और त्वचा पर भी जमता है तो मजदूराें को इन अंगों से संबंधित बीमारियां होती हैं। यदि हवा का रुख रिहायशी इलाके की तरफ होता है तो लोगों का जीवनयापन दूभर हो जाता है। दमा रोग के अलावा कई बार कैंसर होने तक की भी आशंका रहती है।


सरकारी विभागों में ईंटों की आपूर्ति होने की बात अभी सत्यापित नहीं हो सकी है। लेकिन जिले के 12 ऐसे भट्ठे संचालित मिले हैं, जिनको बंद दिखाया गया है। इस संबंध में क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब मिलने के बाद शासन को मामले से अवगत कराया जाएगा। -अनुज सिंह, डीएम


Credit By Amar Ujala

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