खबर शहर , Gyanvapi Case: सर्वे का प्रार्थनापत्र स्वीकार करने लायक नहीं है, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने रखा पक्ष – INA
ज्ञानवापी से संबंधित वर्ष 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से सर्वे कराने के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। प्रतिवादी संख्या-दो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता तौहीद खान ने पक्ष रखा।
उन्होंने वादमित्र के प्रार्थनापत्र पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि एएसआई की ओर से दाखिल सर्वे की मूल रिपोर्ट पर वादी पक्ष द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई। साथ ही, मूल रिपोर्ट का निस्तारण भी नहीं किया गया। ऐसे में वादमित्र का अतिरिक्त सर्वे कराने का प्रार्थनापत्र स्वीकार करने योग्य नहीं है, इसे निरस्त किया जाना चाहिए।
वकील तौहीद खान की बहस पूरी होने के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट) युगल शंभू की अदालत ने प्रतिवादी संख्या-एक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को पक्ष रखने का अवसर देते हुए तीन अक्तूबर की तिथि नियत की है।