यूपी – हाईकोर्ट ने कहा : आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही विमान की तरह, नहीं होता बैक गेयर – INA

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होने के बाद परिवादी का फिर से बयान दर्ज कराने की कार्यवाही शुरु करने के वाले आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आपरधिक मुकदमें की कार्यवाही विमान की तरह होती है, जिसमें बैक गेयर नही होता। कार्यवाही के अगले चरण की ओर बढ़ने के बाद बीती कार्यवाही जबरन शुरु करना टैक्टर को पीछे ढकेलने जैसा होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने याची ओम प्रकाश मिश्रा व एक अन्य की याचिका पर दिया है। याची ने वाराणसी के सीजेएम की अदालत की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 246 की कार्यवाही शुरु होने के बाद धारा 244 की कार्यवाही फिर से शुरु करने वाले आदेश को चुनौती दी थी।

मामला वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र का है। परिवादी ने याची ओम प्रकाश मिश्रा व मंशा राम मिश्रा के खिलाफ लूट और मारपीट के का परिवाद सीजेएम की अदालत में दाखिल किया था। सीजेएम की अदालत ने पहली बार 24 मई 2023 को धारा 246 सीआरपीसी के तहत आरोप तय किए और फिर उसी तारीख को धारा 244 सीआरपीसी की कार्यवाही शुरु करने का आदेश पारित करते हुए 31 मई 2023 की तारीख नियत कर दी।


याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि कि पुलिस रिपोर्ट के अलावा अन्य मामलों में शुरू किए गए ”मामलों” के लिए प्रक्रिया निर्धारित है। धारा 246 सीआरपीसी के तहत आरोप तय करने का चरण निश्चित रूप से धारा 244 सीआरपीसी के चरण को पार करने के बाद आएगा। जबकि, मौजूदा मामले में कोर्ट ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। लिहाजा, कोर्ट ने दलीलों को सही माना और सीजेएम के आदेश को प्रक्रिया के विपरीत कार्यवाही करार देते हुए सीजेएम के आदेश को रद्द कर दिया।


Credit By Amar Ujala

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