यूपी – UP: प्रताड़ना के वो चार घंटे…कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट, जिसकी वजह से आगरा में शिक्षिका की हो गई मौत – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में साइबर अपराधियों के डिजिटल अरेस्ट ने सहायक शिक्षिका मालती वर्मा की जान ले ली। पुलिस अधिकारी बन काॅल कर उनसे कहा गया कि उनकी बेटी सेक्स स्कैंडल में पकड़ी गई है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। अगर, उसे बचाना चाहती हो तो 15 मिनट में 1 लाख रुपये हमारे खाते में ट्रांसफर कर दो। चार घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में अपराधी गलत जानकारी देकर धमकाते रहे। बेटी से बात कराने का झांसा दिया। दूसरी तरफ से ‘मां मुझे बचा लो’ की आवाज आई तो सहायक शिक्षिका परेशान हो गईं। घर आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और मृत्यु हो गई।

 


ऐसे होता है डिजिटल अरेस्ट 
साइबर अपराधी पीड़ित को वाॅयस या वीडियो काॅल करते हैं। व्हाट्सएप डीपी पर पुलिस अधिकारी की फर्जी फोटो लगाई जाती है। गलती जानकारी देकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर कहीं जाने नहीं देते। काॅल फर्जी आईडी पर लिए गए नंबर से किया जाता है। कई बार इंटरनेट काॅलिंग की जाती है, जिससे लोकेशन नहीं मिलती। सेवानिवृत्त अफसर, कर्मचारी, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारियों को निशाना अधिक बनाया जाता है।
 


ध्यान रखें, पुलिस नहीं करती डिजिटल अरेस्ट
. अनजान नंबर से वाॅयस या वीडियो कॉल कर कोई व्यक्ति पुलिस वर्दी पहनकर या अन्य तरीकों से आपको फंसाने का प्रयास करे। कहे कि किसी को नहीं बताना है तो फोन को कट करें और पुलिस को सूचना दें।
. पुलिस कभी भी किसी को फोन कॉल करके या डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। साइबर अपराधी ही फोन कॉल करके आपको किसी मामले से बचाने के लिए रुपयों की डिमांड करते हैं।
. खुद को सीबीआई, एनआईए या किसी अन्य विभाग में अधिकारी व कर्मी बताते हैं। कॉल करने वाला शख्स अगर कहता है कि आपका बेटा या बेटी अरेस्ट किया गया है, तुरंत रुपये भेजें तो पुलिस को कॉल करें।
. 92 कोड वाले नंबर की कॉल रिसीव न करें, साथ ही व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से आने वाली वीडियो व ऑडियो कॉल को नजरअंदाज करें। अनजान लिंक पर क्लिक नही करें। बैंक और ओटीपी की जानकारी नहीं दें

 


टोल फ्री नंबर 1930 पर करें शिकायत
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि कमिश्नरेट आगरा में साइबर अपराध के बचाव के लिए समस्त थानों पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। साइबर क्राइम सेल व साइबर क्राइम थाना स्थापित है। किसी भी प्रकार के साइबर अपराध होने पर नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं। टोल फ्री नंबर 1930 पर या https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर शिकायत कर सकते हैं।
 


Credit By Amar Ujala

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