खबर शहर , UP: जैसे शातिर करते हैं अवैध शराब की तस्करी, उसी तरह हो रही थी पुष्टाहार की कालाबाजारी; तरीका कर देगा हैरान – INA

आगरा में नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार जो पुष्टाहार भेज रही है, उसे पुष्पा स्टाइल में दूध की टंकी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन के कार्टन में छिपाकर कालाबाजारी के लिए ले जाया जाता था। चंद दिनों पहले ही आंगनबाड़ी केंद्रों से दूध की टंकी और कार्टन में सामान ले जाते का वीडियो भी वायरल हुआ, पर अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की।

 


रुनकता के आंगनबाड़ी केंद्र से पौष्टिक आहार खरीद कर ले जाते समय दूध विक्रेता को लोगों ने पकड़ लिया था। उसकी दूध की टंकी में पुष्टाहार के पैकेट भरे थे। वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। केंद्र का चार्ज कांति देवी पर था। लोगों ने यहां पुष्टाहार बेचने की शिकायत भी की, पर कार्रवाई नहीं हुई।

 


बाद में लोगों ने खुद ही दूध की टंकी में पुष्टाहार ले जाने वाले को पकड़ लिया और सामान निकलवाया। इस मामले में कांति देवी ने बताया कि जिस समय केंद्र से सामान गया था उस समय वह मौजूद नहीं थीं। उनके पास अन्य जगहों के भी चार्ज हैं।
सिर्फ 30 फीसदी कार्यकर्ता केंद्रों पर आईं

 


बाह में पुष्टाहार मामले के बाद शुक्रवार को केवल 30 फीसदी हाजिरी ही नजर आई। शुक्रवार को पूर्वान्ह 11:10 बजे बाह के नरहौली गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र एक ही कमरे में चलते मिले। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निर्मला देवी के केंद्र पर 43 और बबीता के केंद्र पर 35 नामांकित बच्चों के सापेक्ष 12 बच्चे मिले। जबकि 11:20 बजे पर भाऊपुरा के आंगनबाड़ी केंद्र पर 40 नामांकित बच्चों के सापेक्ष 14 बच्चे मिले।

 


अखिलेश कुमारी ने बताया कि बच्चों को दाल और दलिया मिलता है। भुगतान फंसा होने की बजह से बच्चे मिड डे मील से वंचित हैं। फतेहाबाद में गर्भवती महिलाओं को छह माह से पुष्टाहार नहीं मिला। नगला कदम निवासी पूजा ,राधा व बबीता ने बताया कि गांव में करीब एक दर्जन से अधिक महिलाओं को पिछले 6 माह से पुष्टाहार नहीं मिला है।
 


Credit By Amar Ujala

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