खबर शहर , UP: गूगल से ली बैंक लाॅकर की जानकारी…फिर भार डिजिटल फॉर्म, शिक्षिका और उसकी मां ऐसे हुईं ठगी का शिकार – INA

आगरा के ट्रांस यमुना फेज-2 निवासी शिक्षिका चांदनी शर्मा और उनकी मां को साइबर अपराधियों ने ठगी का शिकार बनाया। उन्होंने बैंक लाॅकर की जानकारी के लिए गूगल पर नंबर सर्च किया था। एक नंबर पर क्लिक करने के बाद उनके पास साइबर अपराधी ने काल किया। मोबाइल पर एक लिंक भेजकर डिजिटल फाॅर्म भरवाया। इसके बाद दोनों के खातों से 1.05 लाख रुपये निकाल लिए। इसकी पुलिस से शिकायत की। उनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

 


चांदनी शर्मा ने बताया कि वह बैंक लाॅकर के लिए गूगल पर सर्च कर रही थीं। तभी उन्हें नंबर मिला, जिस पर एसबीआई मैनेजर लिखा हुआ था। उन्होंने नंबर पर क्लिक कर दिया। मगर, आवाज नहीं आई। इस पर काट दिया। कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर काल आया। कालर ने कहा कि आपको लाॅकर चाहिए। उसने अपना नाम अरुण कुमार तेहरा शाखा में मैनेजर बताया। कहा कि लाॅकर के लिए पहले एक फाॅर्म मोबाइल से भरना होगा। उन्हें लिंक भेज दिया। उनके क्लिक करते ही एक फाॅर्म खुल गया। उधर, आरोपी व्हाट्सएप काल पर बात करता रहा। मोबाइल पर ओटीपी आने लगे। वह भी भरवा लिए। बाद में उनके पास खाते से रकम निकलने के मैसेज आने लगे। तीन बार में 1.05 लाख रुपये निकल गए। इसका पता चलने पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की।

 


फोन पर नहीं दें अपने खाते और निजी जानकारी
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी गूगल पर जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर की खोज करने पर कई लोग ठगी के शिकार हो चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, गूगल पर साइबर ठगों ने फर्जी नंबर डाल रखे हैं। ये लोग खाते की जानकारी लेने के बाद रकम निकाल लेते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के झांसे में नहीं आएं। मोबाइल पर आने वाले अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें। फोन पर किसी को ओटीपी, खाते और अन्य निजी जानकारी नहीं बतानी चाहिए।

 


सजगता से बच गईं आगरा काॅलेज की प्रोफेसर
आगरा काॅलेज की प्रोफेसर निशा अग्रवाल के साथ भी साइबर अपराधियों ने ठगी की कोशिश की। उन्हें व्हाट्सएप काल करके डराया कि एक भीषण हादसा हुआ था। इसमें चार लोग पकड़े गए हैं। एक आपका बेटा भी है। उसे बचाना है तो रुपये दे दो। संयोग था कि बेटा साथ में ही था। इस पर उन्होंने ठग को हड़काया। मामले में उनके अधिवक्ता पति ने पुलिस से शिकायत की है। उनके पास पाकिस्तान के नंबर से काल किया गया था।

 


साइबर ठग कर रहे इंटरनेट काल
पुलिस ने बताया कि साइबर ठग वर्चुअल नंबर से काल करते हैं। इसके लिए वह सिम नहीं लेते हैं। इंटरनेट की मदद से व्हाट्सएप काल किया जाता है। जिन खातों में रकम जमा कराई जाती है, वह भी फर्जी आईडी पर लेते हैं। पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। पुलिस की वर्दी पहनकर कोई काल करता है तो सावधान रहें। उन्हें रुपये नहीं दें। खुद को पुलिस या अन्य विभाग का अधिकारी बताए तो झांसे में नहीं आएं। बेटा-बेटी के गिरफ्तार होने के बारे में बताता है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। साइबर ठगी पर पुलिस के नंबर 1930 पर काल करें।

 


डिजिटल अरेस्ट में शिक्षिका की हुई थी माैत
30 सितंबर को अलबतिया की रहने वाली शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। उन्हें बेटी के सेक्स स्कैंडल में फंसने की बात कहकर धमकाया गया था। वह दहशत में आ गई थीं। उनकी माैत हो गई थी। मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। उनके पास काल पश्चिमी बंगाल से किया गया था। पुलिस जांच में लगी है।
 


Credit By Amar Ujala

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