यूपी – सम्मान समर्पण कार्यक्रम: अनुप्रिया पटेल बोलीं- गंभीर रोगियों के लिए बनाए जाएंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक – INA

हर प्रदेश को एक एम्स मिले, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से योजनाएं बनाई जा रही हैं। 2014 से पहले देश में सात एम्स थे, आज 22 हैं। इसमें से यूपी में दो एम्स स्थापित हैं। इतना ही नहीं सरकार की ओर से क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इसका गंभीर रोगियों को लाभ मिलेगा। ये बातें रविवार को शहर आईं केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अमर उजाला के सम्मान समर्पण का कार्यक्रम के दौरान कही।

इस दौरान उन्होंने आईआईटी जैसे संस्थानों में छात्रों के लगातार आत्महत्या करने पर चिंता जताई। आर्यनगर स्थित द स्पोर्ट्स हब में आयोजित सम्मान समर्पण कार्यक्रम में शहर में चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली 34 हस्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री के साथ नारायणा ग्रुप से अमित नारायण, उजाला सिग्नस से अंकिता दास, डीपीएस कल्याणपुर से रिचा प्रकाश, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से डॉ. संजय काला, कार्डियोलॉजी से डॉ. राकेश वर्मा, नूतन होम्योपैथी से डॉ. मधुलिका और एक्सिस हॉन्डा से जेएस अरोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि का स्वागत शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न देकर किया गया। इस मौके पर लोगों ने केंद्रीय राज्यमंत्री से सवाल भी किए। जिसका उन्होंने बखूबी जवाब दिया।

 


सवाल- होम्योपैथी को आयुष्मान योजना में कब शामिल किया जाएगा?
जवाब- स्वास्थ्य योजनाओं पर कार्य चल रहा है, जल्द ही इस पर कोई फैसला होगा।

सवाल- पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आयुष्मान योजना का लाभ मिल सके इसके लिए क्या योजना है?
जवाब- हमारी सरकार ने सौ दिन के एजेंडे में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पांच लाख का अतिरिक्त टॉपअप दिया है, इस पर भी बात की जाएगी।

सवाल- आयुष्मान योजना में गड़बड़ियों की वजह से काफी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसे कैसे ठीक किया जाए?
जवाब- इसके लिए टोलफ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं या फिर पोर्टल पर शिकायत करें, जहां पर समाधान हो जाता है।

सवाल – हर मरीज तक इलाज पहुंचे इसके लिए सरकार का क्या . प्लान है?
जवाब- 2014 से पहले 350 मेडिकल कॉलेज देश में थे और अब 750 हो गए हैं। कई नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जहां पर उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। जिससे हमारे देश में डॉक्टरों की कमी दूर हो रही है।

सवाल – मानसिक कमजोर रोगियों के पास इलाज पहुंचे, इसके लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब – मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। रोगियों तक अच्छा इलाज पहुंचे इसके लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है।

 


हमारे यहां 32 विभाग हैं, बजट सिर्फ पांच करोड़ – डाॅ. काला
कार्यक्रम में आए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल से कहा कि राम मनोहर लोहिया को उपकरणों के लिए 250 करोड़ का बजट मिलता है, जबकि उनके यहां विभाग हमारे यहां से कम हैं। हमारे मेडिकल कॉलेज में 32 विभाग हैं, जहां रोजाना ओपीडी में छह हजार मरीज देखे जाते हैं। इसके साथ ही 300 मरीज रोजाना भर्ती होते हैं। इसके बावजूद उपकरणों के लिए बजट मात्र पांच करोड़ ही मिल पाता है। यह मरीजों के लिए हितकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें एम्स न सही कम से कम एम्स की तरह ही संस्थान का दर्जा दिया जाए। बताया कि कॉर्डियोलॉजी में कैथलैब एक्सपायर हो चुकी है। उसके लिए कोई बजट नहीं मिल पा रहा है। हम सीएसआर फंड से बीस करोड़ का बजट लेकर आए, लेकिन वो जिला प्रशासन व शासन के बीच फंसा हुआ है। बताया कि इस बजट से वह अस्पताल में डायग्नॉस्टिक हब बनाना चाहते हैं, जिससे मरीजों को एक ही छत के नीचे इलाज मिल सके।


Credit By Amar Ujala

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