यूपी – UP: फुटवियर और कंपोनेंट उद्योग में विश्व में देश का दूसरा स्थान, पहले स्थान पर काबिज चीन को जल्द पछाड़ेंगे – INA
कानपुर समेत देश में फुटवियर कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ कंपोनेंट उद्योग बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में विश्व में देश फुटवियर और कंपोनेंट कारोबार में दूसरे स्थान पर है। चीन पहले स्थान पर काबिज है। कोरोना के बाद से और चीन-अमेरिका के बीच छिड़े व्यापारिक गतिरोध के चलते पूरी दुनिया की नजर कानपुर समेत पूरे देश के फुटवियर उद्योग पर है। बड़े-बड़े ब्रांड और कंपनियां यहीं पर उत्पाद बनवा रही हैं। ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब चीन पीछ़े होगा। 2028 तक देश का कंपोनेंट उद्योग को 50 हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए 50 प्रतिशत की ग्रोथ हर साल चाहिए होगी। मौजूदा समय में 20 हजार करोड़ का कारोबार है। कानपुर के बने सेफ्टी शूज पूरी दुनिया में छाए हुए हैं। ये जानकारी चर्म निर्यात परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तारूल अमीन ने मकरावटगंज स्थित एक पैलेस में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि आठ साल पहले तक 95 प्रतिशत स्पोर्ट्स शूज आयात होते थे। अब केवल 10 प्रतिशत ही आयात होता है। 85 प्रतिशत जूते कानपुर समेत देश भर में बनते हैं। इंडियन फुटवियर कंपोनेंट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन इफ्कोमा के अध्यक्ष संजय गुप्ता और वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि कंपोनेंट उद्योग निर्यात में 75 प्रतिशत और घरेलू बाजार में सौ प्रतिशत आत्मनिर्भर है। बांग्लादेश, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और यूरोप के देशों को कंपोनेंट का निर्यात किया जा रहा है। सरकार से कंपोनेंट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन स्टूडियो, उत्पादों को पेटेंट कराने, देश में उत्पाद बना रहीं विदेशी कंपनियों में 60 प्रतिशत उत्पाद देसी कंपनियों और उनकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत करने और विजन डाक्यूमेंट में कंपोनेंट उद्योग को शामिल करने की मांग उठाई गई है। मुख्तारूल अमीन ने बताया कि बंथर में जल्द ही डिजाइन स्टूडियो खुल सकेगा। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके बाद यहीं पर नए-नए डिजाइन बन सकेंगे। वार्ता में चर्म निर्यात परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष असद इराकी, पूर्व अध्यक्ष जावेद इकबाल, सदस्य प्रेरणा वर्मा मौजूद रहीं।