यूपी – लखनऊ : अनाथालय से भागीं नौ संवासिनियां, दो बरामद; बाथरूम के बगल में लगी ग्रिल व जाली तोड़कर भागीं – INA

श्रीराम औद्योगिक अनाथालय से नौ नाबालिग संवासिनियां बृहस्पतिवार रात भाग निकलीं। पुलिस ने फुटेज की मदद से दो को पकड़ लिया, जबकि सात का पता नहीं चल सका है। अनाथालय की अधीक्षिका पूर्णिमा प्रभाकर ने अलीगंज थाने में केस दर्ज कराया है। सभी संवासिनियां पाॅक्सो एक्ट के मामले से संबंधित हैं।

एसीपी व्रज नारायण सिंह ने बताया कि अलीगंज के सेक्टर-ई स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय के कक्ष संख्या- 2 में बिहार, बलिया, बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी, कन्नौज और अयोध्या की नौ संवासिनियां रहती थीं। रात तीन बजे कर्मचारी को निरीक्षण के दौरान कमरे में रहने वाली नौ संवासिनियां नहीं मिलीं। बाथरूम जाकर देखा तो वहां लगी ग्रिल और जाली कटी हुई थी।

एसीपी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों में सभी संवासिनियां जाती हुई नजर आईं। फुटेज की मदद से पुरनिया पुल के पास से दो को बरामद कर लिया। बाकी की तलाश में चार टीमों को लगाया गया है।

रात डेढ़ बजे कमरे में थीं सभी

स्टाफ का कहना है कि रात डेढ़ बजे निरीक्षण के दौरान सभी संवासिनियां कमरे में थीं। तीन बजे के करीब जब कर्मचारी फिर से निरीक्षण पर निकले तो नौ संवासिनियां नहीं थीं। तलाशने पर जब उनका कुछ पता नहीं चला तो रात 3:45 बजे घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम पर दी गई।

जांच कमेटी गठित, सभी संवासिनियों को राजकीय बालिका गृह भेजा गया


अलीगंज में श्रीराम औद्योगिक अनाथालय से किशोरियों के भागने के मामले में डीएम सूर्य पाल गंगवार ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए कमेटी गठित की गई है। साथ ही सभी संवासिनियों को राजकीय बालिका गृह भेजा गया है।मामले की जानकारी मिलने पर डीएम ने अनाथालय का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10 से 18 वर्ष की बालिकाओं के बालिका गृह का संचालन अनाथालय में किया जा रहा था। डीएम ने श्रीराम औद्योगिक ट्रस्ट की ओर से संचालित संस्था को वृद्धाश्रम के रूप में चलाने के निर्देश दिए हैं। इसमें अब पांच साल तक के बच्चों, बुजुर्गों के बेहतर स्वास्थ्य की देख-रेख के लिए आश्रय गृह विकसित किया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग को भेजा गया है।

प्रशासन का कहना है कि संस्था में कुल 40 बालिकाएं व दो नवजात शिशु बाल कल्याण समिति के आदेश से संरक्षित कराए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने ट्रस्ट के प्रबंधन समिति की आपातकालीन बैठक बुलाई। इसके बाद सीडब्ल्यूसी से आदेश लेकर पुलिस, बाल कल्याण समिति और जिला प्रोबेशन अधिकारी की मौजूदगी में किशोरियों को राजकीय बालिका गृह में आवासित कराया गया।


Credit By Amar Ujala

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