यूपी- बैंगन से मालामाल हो रहे किसान, अपनाया खेती का ये खास तरीका, मिल रहा तगड़ा मुनाफा – INA

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान बैंगन की जैविक खेती करके कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. जैविक खेती में बैगन की फसल आकर्षक साफ-सुथरी और विटामिन से भरी हुई हो रही है. जिसे लोग पसंद कर रहे हैं. उद्यान विभाग भी किसानों की शासन और प्रशासन की तरफ से दी जा रही सुविधाएं प्रदान करके मदद कर रहा है. ये किसान सब्जी की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही समय-समय पर खेती में वैज्ञानिक विधि अपनाकर फसलों को और उत्तम रसायन मुक्त बना रहे हैं.

किसानों के द्वारा स्वयं की जा रही रिसर्च से सब्जी की खेती अति उत्तम आकर्षक और पौष्टिक होती जा रही है. उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण परियोजना किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है. हरदोई में गर्रा की तलहटी में बाढ़ की आपदा झेल चुके किसान नानकाई ने बताया कि उनकी धान की फसल बाढ़ आने के कारण गलन का शिकार हो गई थी. पानी सूखने के साथ ही उन्होंने नुकसान को संभालने के विषय में सोचा. उद्यान विभाग की मदद से उन्होंने अपने एक हेक्टेयर खेत में बैंगन की जैविक खेती की. उनका कहना है कि थोड़ी सी मेहनत के बाद में बैंगन का अच्छा उत्पादन हो रहा है.

ऐसे की जाती है बैंगन की खेती

हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि बैंगन की अच्छी खेती बलुई दोमट मिट्टी में की जाती है. इस मिट्टी का पीएच 5 और 6 के बीच में उपयुक्त माना गया है. तीन-चार बार हैरो से जुताई करने के बाद में पाटा लगाकर खेत को अच्छी तरीके से भुरभुरा बना लिया जाता है. दूसरी जुताई के समय खेत में गाय के गोबर की खाद बिखेर दी जाती है और सही तरीके से जुताई करके उसे मिट्टी में बराबर मिला लिया जाता है. इसी क्रम में खेत को घास और कीटों से भी उपचारित कर लिया जाता है.

गोल बैंगन की बाजार में मांग

उद्यान अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही उत्तर प्रदेश कृषि की विविधीकरण परियोजना के अंतर्गत किसानों को उत्तम बीज मुहैया कराए जा रहे हैं. यह बीज किसान बाजार से भी खरीद रहा है. इन बीजों में से पूसा हाइब्रिड, पूसा परवल राउंड, पूसा अनमोल, पत ऋतुराज जैसे उत्तम भी शामिल हैं. इसमें शंकर किस्में और रोग रोधी किस्में शामिल हैं. एक हेक्टेयर में करीब 300 ग्राम बीज का इस्तेमाल किया जाता है. नर्सरी बनाकर खेत में पौधरोपित करना उत्तम विधि है.

1 हेक्टेयर में करीब तीन कुंतल सड़ी हुई खाद खेत में इस्तेमाल की जाती है. सर्दी के समय नमी को देखते हुए 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई उचित मानी गई है. इन दोनों किस्म के कीटों की रोकथाम के लिए निमास्त्र का इस्तेमाल करते हैं. 1 हेक्टेयर में गोल बैंगन की 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त की जाती है.

UP कृषि विविधीकरण परियोजना किसानों के लिए बनी सहारा

हरदोई के जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण योजना के अंतर्गत दूरस्थ गांव को सड़क मार्ग से गड्ढा मुक्त सड़क बनाकर जोड़ा जा रहा है. किसान पंचायत के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए वैज्ञानिक जानकारियां दी जा रही हैं. किसानों को सब्जी की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्हें आर्थिक मदद सब्सिडी जैसी सुविधा प्रदान की जा रही हैं.

छोटे ग्रामीण काश्तकारों को अनुदान की प्रक्रिया प्रदान की जा रही हैं, जिससे सब्जी की खेती बड़ी संख्या में जनपद में की जा रही है. इससे किसानों को आर्थिक फायदा हो रहा है. उनके चेहरे पर आर्थिक मजबूती की मुस्कान दिखाई पड़ने लगी है. उन्होंने बताया कि विभाग ऐसे किसानों को सम्मानित भी कर रहा है.


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