खबर शहर , Diwali 2024: दीपावली पर सिद्ध महालक्ष्मी योग, पूजन के दो मुहूर्त, ये रही पूरी जानकारी – INA
भगवान कुबेर व धन्वंतरि के पूजन के साथ दीपोत्सव की शुरूआत मंगलवार से हो गई। धूनी ध्यान केंद्र के संस्थापक डॉ. आचार्य अमरेश मिश्र के अनुसार धनतेरस का पर्व आनंद योग में मनाने के साथ कुबेर जी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की गई। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ घरों में पूजा-अर्चना हुआ। इस दौरान कुबेर जी के पांच दीपक, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश व धन्वंतरि का एक-एक दीपक जलाकर घर के ईशान कोण उत्तर व पूरब में रखे गए। उन्होंने बताया कि धन्वंतरि को आरोग्य का देवता माना जाता है, उनकी पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली पर सिद्ध महालक्ष्मी योग बन रहा है।
छोटी दीपावली :
बुधवार को छोटी दीपावली या नरक चौदस मनाया जाएगा। पूजन का मुहूर्त शाम चार से नौ बजे तक है। इस दिन दो बाती लगाकर तेल के दीपक दरवाजे के साथ चारों दिशाओं में जलाकर रखें। इससे मृत्यु का भय दूर होगा। मान्यता है कि जो भी इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर यमराज की पूजा करता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
दीपावली :
गुरुवार को दीपावली का पर्व चित्रा नक्षत्र में होगा। इस कारण सिद्ध महालक्ष्मी योग बन रहा है। पूजन का पहला मुहूर्त शाम छह से रात 8:15 बजे तक वृक लग्न में है। इस समय मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर का पूजन होगा। घर में श्रीयंत्र या कनकधरा यंत्र स्थापित करना चाहिए। मां लक्ष्मी को पीला भोग लगाना चाहिए और पीले पुष्प अर्पित करने चाहिए। दूसरा मुहूर्त रात 11:22 से एक बजे तक सिंह लग्न में है। इस समय मां काली की पूजा होती है। इसके अगले दिन शुक्रवार को स्नान-दान की अमावस्या है।
गोवर्धन पूजा :
शनिवार को गोवर्धन पूजा होगी। इसका शुभ मुहूर्त सुबह 7.40-11.40 रहेगा। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह आठ से 11:40 बजे तक रहेगा। इसमें अन्नकूट की सब्जी बनाई जाती है। इससे धन-धान की कभी कमी नहीं रहती।
भाई दूज :
रविवार को हस्त नक्षत्र के साथ आनंद योग में भइया दूज का पर्व मनाया जाएगा। सुबह आठ से 11 बजे तक अमृत काल है। बहने अपने भाई के माथे पर केसर डालकर तिलक लगाए तो आयु, धन व कीर्ति में वृद्धि होगी। जिनके भाई नहीं हैं, वह युवतियां भगवान श्रीकृष्ण को केसरयुक्त तिलक लगा सकती हैं। उन्हें माखन और मिश्री का भोग भी लगाए।