खबर शहर , Diwali 2024: ग्रीन पटाखों की मांग बढ़ी, 'मोरपंखी-जुगनू' आकर्षण का केंद्र, बरेली में आठ स्थानों पर सजा बाजार – INA

बरेली में दीपावली के लिए अस्थायी पटाखा बाजार सजने के साथ ही खरीदारी का दौर शुरू हो गया। बाजार में इस बार ग्रीन पटाखों की मांग ज्यादा है। ये कम आवाज करने के साथ ही ज्यादा रोशनी बिखेरते हैं। मोरपंखी और जुगनू पटाखों को भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं। 

जिला प्रशासन की ओर से शहर में आठ स्थानों पर पटाखा बाजार लगाने की अनुमति दी गई है। यहां बड़ी संख्या में लोग रोज पहुंच रहे हैं। छोटे बच्चों को फुलझड़ी, अनार, पॉप-पॉप, चरखी पटाखे लुभा रहे हैं। युवा वर्ग में स्काई शॉट, चटाई, रॉकेट की मांग ज्यादा है। बाजार में जुगनू, पीकॉक, चटर-पटर, बटरफ्लाई, फोर-इन-वन स्काई शॉट के पटाखे आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 

बाजार से चाइनीज आइटम बाहर 

पटाखा विक्रेताओं के मुताबिक बाजार में मौजूद पटाखे स्वदेशी हैं। चाइनीज आइटम बाजार से बाहर हैं। बाजारों में फुलझड़ी प्रति पैकेट पांच रुपये से लेकर सौ रुपये, चकरी की कीमत प्रति पीस 20 रुपये से चार सौ, अनार के दाम सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये प्रति पैकेट की रेंज में है। 


यहां हो रही बिक्री 

बिशप कॉनराड के पास कैंट, आईटीआर ग्राउंड सीबीगंज, तिलक इंटर कॉलेज मैदान, हार्टमन के पास रामलीला मैदान, एमबी इंटर कॉलेज मैदान, इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान, रेलवे कॉलोनी मैदान सुभाष नगर, कैंट सदर बाजार का मैदान में पटाखा बिक्री हो रही है।

थोक में ही 20 फीसदी महंगे हुए पटाखे

अबकी बार पटाखों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में आतिशबाजी की खरीदारी करने वालों की जेब भी ढीली हो रही है। पटाखा दुकानदार राज कुमार गुप्ता ने बताया कि आतिशबाजी की कीमत पिछले वर्षों के मुकाबले 20 फीसदी तक बढ़ गई है। जब थोक में ही महंगाई बढ़ी है तो फुटकर में कीमत और ज्यादा रहेगी। पटाखा विक्रेता नितिन ने बताया कि बच्चों के लिए विशेषकर कम आवाज और ज्यादा रोशनी वाले पटाखे बाजार में हैं।

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सीओ हाईवे ने पटाखा बाजार का किया निरीक्षण
फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के रामलीला ग्राउंड में लग रहे पटाखों के दुकानों का मंगलवार को सीओ हाईवे नितिन कुमार व थाना प्रभारी राजेश बाबू मिश्रा ने निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि पटाखों की दुकानों के बीच पर्याप्त दूरी रहनी चाहिए। आगजनी से संबंधित आवश्यक उपकरणों को परखते हुए हिदायत दी कि पटाखा विक्रेता लाइसेंस, बिना प्रशासन के अनुमति के पटाखों की बिक्री नहीं करेंगे। हर दुकान पर रेत-पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कस्बे के बाजार में 32 दुकानों को अस्थाई लाइसेंस दिए गए हैं।


Credit By Amar Ujala

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