खबर शहर , मैं पुलिस अफसर बोल रहा हूं: असिस्टेंट प्रोफेसर को तीन घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, 32 हजार की साइबर ठगी – INA
साइबर अपराधी ने महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 32 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। आरोपी ने उन्हें मनी लाॅन्डि्रंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे केसों में जेल भेजने और जीवन तबाह करने की धमकी देकर घटना को अंजाम दिया। इस दौरान आरोपी ने पीड़िता को किसी से बात तक नहीं करने दी।
तीन घंटे बाद डिजिटल अरेस्ट से आजाद हुईं असिस्टेंट प्रोफेसर ने साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की। पाकबड़ा क्षेत्र में रहने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर जनपद के एक शिक्षण संस्थान में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की दोपहर करीब एक बजे वह ऑफिस में मौजूद थीं।
इसी दौरान उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि मुरादाबाद कोर्ट से बोल रहा हूं। एक मामले में आपके खिलाफ वारंट जारी हुए हैं। वारंट रिसीव करना होगा। इसके बाद आरोपी ने व्हाट्सएप कॉल करके दिल्ली साइबर क्राइम सेल में काॅल ट्रांसफर करने की बात कहकर दूसरे ठग से संपर्क कराया।
दूसरे आरोपी ने कहा कि मैं पुलिस अफसर बोल रहा हूं। आपके खिलाफ सीबीआई में 18 केस चल रहे हैं। आरोपी ने प्रोफेसर का आधार नंबर और मोबाइल नंबर बताया और कहा कि यह नंबर आपके हैं। इन नंबरों से नाबालिग लड़के और लड़कियों को आपत्तिजनक वीडियो भेजी गई हैं।
पीड़िता ने आरोपी को कई बार बताया कि यह मेरा नंबर नहीं है, लेकिन उसने एक नहीं मानी। आरोपी उन्हें डराता और धमकाता रहा। बार-बार यही कहा कि बात नहीं मानी तो पूरा जीवन तबाह हो जाएगा और कभी जेल से नहीं निकल पाओगी।