यूपी- बिजनौर के बने तवा और कढ़ाई की विदेशों में भी डिमांड, 150 साल पुराना है कारोबार; 100 परिवारों की चल रही रोजी-रोटी – INA

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के धामपुर के लोहियान और बंदूकचियान मोहल्ले में लोहे के तवे और कढाई बनाने के बीस छोटे छोटे कारखाने है. जहां अलग-अलग साइज और वजन के तवे और कढ़ाई तैयार किए जाते हैं एक कारखाने में लगभग पंद्रह से बीस वर्कर काम करते है और पंद्रह से बीस कुंटल तवे व कढ़ाई बना कर तैयार कर देते हैं. तैयार माल पर हर कारखाने का अपना मार्का लगा होता है. जिसकी मोटी पालीथिन, जूट, केरेगैटेड बाक्स में पैकिंग कर थोक या होलसेलर तक भेज दिया जाता है.

धामपुर के तवे, कढ़ाई और बाल्टी निर्माता अनीस मुल्तानी ने बताया कि धामपुर से मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, पटना, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उडीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अनेक राज्यों और शहरों में तवे और कढ़ाई और बाल्टी की सप्लाई की जाती है.

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व्यापारियों ने की सरकार से ये डिमांड

अनीस मुल्तानी के मुताबिक भले ही निर्लेप, नान स्टिकी तवों की मांग बडे़ मैट्रो सिटी में न हो लेकिन देश के नब्बे फीसदी घरों में लोहे के ही तवों पर रोटी, पराठे बनते हैं. जिनकी डिंमाड कभी खत्म नहीं होगी. तवे और कढ़ाई बनाने का कारखाना चलाने वाले अरशद अली ने बताया कि सरकार को बैंक लोन लिमिट सुविधा बढ़ानी चाहिए और टैक्स कम कराना चाहिए. जिससे सदियों पुराना पुश्तैनी कारोबार और फल फूल सके.

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पूरे देश में डिमांड

बिजनौर के सीडीओ पूर्ण बोरा आईएएस ने बताया कि साल भर में धामपुर से पचास करोड़ रुपए के तवे और कढ़ाई की बिक्री होती है. जिसको एक्सपोर्ट के माध्यम से और बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि यहां के तवे और कढाई की डिमांड पूर देश मे रहती है.


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