राम-सीता फुलवारी मिलन की कथा सुन आनंदित हुए श्रद्धालु
जिला चंदौली ब्यूरो चीफ अशोक कुमार जायसवाल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर : मुगलसराय नियामताबाद। बौरी ग्राम सभा में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन साध्वी अनीता भारती ने श्रीराम व सीता के फुलवारी मिलन की कथा का वर्णन किया। कहा कि प्रभु श्रीराम ने जानकी माता को पहली बार देखा तो देखते ही रह गए। उन्होंने कहा कि राम-लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के लिए पुष्प चयन के लिए जनकपुर की पुष्प वाटिका में प्रवेश करते हैं।
उधर, इसी समय जानकीजी भी अपनी सखियों के साथ गौरी पूजन के लिए आती हैं। जानकी भक्ति का प्रतीक हैं और भक्ति को भगवान से मिलने के लिए बाग में आना पड़ता है। भक्ति से पहले भगवान बाग में पहुंच गए। यदि भक्त की श्रद्धा सच्ची है तो भगवान उससे पहले पहुंचकर भक्त की प्रतीक्षा करते हैं। जानकीजी बाग मे प्रवेश करती हैं, सरोवर में स्नान करती हैं और गौरी पूजन करती हैं। भगवत प्राप्ति के लिए ये तीन साधन हैं। सत्संग ही बाग है, भगवान को पाने के लिए सबसे पहले सत्संग में जाना पड़ता है, संत का हृदय ही सरोवर है। भक्त को अपने आचरण से संत या गुरु के हृदय में डुबकी लगानी पड़ती है। गौरी श्रद्धा, करुणा, समर्पण और दीनता की प्रतीक है। भगवान की प्राप्ति के लिए अहंकार को त्याग कर समर्पण और दीनता का सहारा लेना पड़ता है। साध्वी अनीता भारती ने कहा कि विनम्रता और करुणा के स्वर में की गई ईश वंदना अवश्य फल देते हैं। विनम्रता में बहुत ताकत है, जो पत्थर की मूर्ति को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देती है। उन्होंने कहा कि गुरु से कभी कोई बात छिपानी नहीं चाहिए। श्रीराम ने भी फुलवारी प्रसंग के बाद अपने मन की इच्छा गुरु को बताई और उनका कार्य भी सिद्ध हुआ। समाज की समस्या ही धनुष है। धनुष अहंकार का प्रतीक है। इसलिए उसे तोड़ना बहुत जरूरी था। दुष्ट राजा धनुष को तोड़ने का असफल प्रयास करते हैं, लेकिन समस्या का समाधान ईश्वर की अनुकंपा से ही होता है।
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि गुलाब का फूल दिखने में सुंदर है पर चखने में मीठा नहीं होता, गन्ना दिखने में सुंदर नहीं पर चखने में मीठा होता है। किंतु हमें अपना स्वभाव सुंदर और मीठा बनाना है तो भगवान राम की कथा कहना व सुनना चाहिए। इससे हमारा स्वभाव मधुर, मनोहर और मंगलकारी हो जाएगा। इस अवसर पर जितेंद्र कुमार गुप्ता, हरिवंस सिंह , वीरेंद्र सिंह , प्रभु नाथ सिंह, सोहन बिंद, आशीष सिंह , धनंजय सिंह, वर्षा सिंह, तनु गुप्ता, आदर्श पांडेय , सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।