यूपी- घूंघट में महिलाओं ने की चोरी… सहकारी समिति का ताला तोड़ा और लूट ले गईं खाद की बोरियां – INA

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस समय खाद की किल्लत देखने को मिल रही है. इसको लेकर किसानों की सहकारी समितियों पर भारी भीड़ उमड़ रही है. रात-रात भर से किसान लाइनों में लग कर खाद लेने का इंतजार कर रहे हैं और सुबह जब सहकारी समिति खुलती है तो उन्हें खाद नहीं मिल पाती. इससे किसानों में गुस्सा फूट पड़ता है. महोबा जिले में खाद न मिलने के कारण किसान उग्र हो गए. किसानों ने सहकारी समिति का ताला तोड़कर डीएपी खाद लूटने का प्रयास किया. इस लूट में घूंघट में खड़ीं महिलाएं तक शामिल रहीं. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है.

महोबा जिले के किसान खाद के इंतजार में फसल बोने को बैठा है, लेकिन समय से खाद न मिल पाने के कारण अब किसान उग्र होने लगा है. गुरुवार को किसानों ने पूरब साधन सहकारी समिति महोबा में जबरन सहकारी समिति का ताला तोड़कर खाद लूटने का प्रयास किया और जमकर हंगामा भी किया. किसानों द्वारा ताला तोड़े जाने की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया.

खाद लूटने का वीडियो हुआ वायरल

पुलिस की देख-रेख में लाइन लगाकर किसानों को खाद वितरण शुरू कराया गया. किसानों का कहना कि खेत बर्बाद हो रहे हैं. उन्हें खाद नहीं मिल रही है. हफ्तों से खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं. आखिर क्या करें? वहीं खाद लूटने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुरुषों के साथ-साथ घूंघट काढ़े महिलाएं तक डीएपी खाद की बोरियां लूटती हुई दिखाई दे रही हैं.

हर सहकारी समिति पर दी गई 300 बोरी खाद

बता दें कि हर सहकारी समितित को 300 बोरी खाद दी गई है, जबकि हजारों की तादाद में किसान सहकारी समिति में खाद के लिए लाइन लगाए बैठे हैं. शायद यही वजह है कि किसान अब उग्र होने लगे हैं. सिर्फ एक समिति नहीं बल्कि जिले में कई जगह ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां मारपीट और सड़क जाम करने तक की नौबत आ गई, क्योंकि इस समय किसान डीएपी खाद के लिए जूझ रहे हैं.

पूरब सहकारी समिति के सचिव लक्ष्मी ने बताया कि आज हम घर पर थे, तभी सुबह किसान उनकी सोसायटी का ताला तोड़कर खाद की बोरियां बाहर ले गए. अब कितनी बोरियां कम हो गईं, यह तो गिनने के बाद ही पता चल पाएगा. इस मामले में हमने अपने विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया है.

(रिपोर्ट- विराग पचौरी/महोबा)


Source link

Back to top button