खबर शहर , UP: मुरादाबाद में 'रुचि' पर कुंदरकी उपचुनाव से दूरी… इसलिए हैं नाराज! अखिलेश की सभा में 15 मिनट बाद पहुंचीं – INA

मुरादाबाद की कुंदरकी उपचुनाव को लेकर मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा की सीमित दिलचस्पी न केवल पार्टी बल्कि पार्टी के बाहर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। वह सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में 15 मिनट विलंब से पहुंचीं।

इससे पहले भी उन्होंने इस विधानसभा क्षेत्र में कोई खास सक्रियता नहीं दिखाई। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता अधिकृत तौर पर ऐसी किसी बात से इंकार करते हैं। लोकसभा चुनाव में सपा के घोषित प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन का टिकट कटवाकर आजम खां ने बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा की मुरादाबाद की सियासत में एंट्री कराई थी। 

चुनाव जीतकर वह मुरादाबाद की सांसद बन गईं। वहीं कुंदरकी से विधायक जियाउर्रहमान बर्क भी संभल से सांसद बन गए। इसके बाद खाली हुई कुंदरकी विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान होना है। सपा ने यहां से पूर्व विधायक हाजी रिजवान को उम्मीदवार बनाया है।

24 अक्तूबर को हाजी रिजवान के नामांकन के बाद सपा के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। चर्चा है कि कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में सांसद रुचिवीरा की सक्रियता कम दिख रही है। नामांकन और अखिलेश यादव की जनसभा के बीच एकाध बार ही वह सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान के कार्यालय पर नजर आईं।


सोमवार को पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कुंदरकी के कनक दोयम गांव में जनसभा की। जनसभा में अखिलेश करीब एक घंटे की देरी से पहुंचे। मंच पर जिले के सभी विधायक, संभल और रामपुर के सांसद समेत बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। उस वक्त मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा मंच पर न दिखने वाले चेहरों में शामिल थीं। इस बीच अखिलेश यादव ने अपना संबोधन भी शुरू कर दिया। मगर सांसद मंच पर नहीं पहुंचीं। 


चुनावी सभा में 15 मिनट बाद मंच पर पहुंचीं थीं सांसद
अखिलेश यादव करीब 15 से 20 मिनट के संबोधन के बाद पूर्व सांसद फजीलुर्रहमान और पूर्व महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू के साथ सांसद रुचिवीरा की मंच पर आमद हुई। संबोधन की समाप्ति तक मंच पर खड़ी रहीं। आखिर में फूलों की भारी भरकम माला के बीच अखिलेश यादव ने सपा जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाई। इस दौरान अभी तक उपचुनाव से दूर रहने वाली सांसद सक्रियता दिखाते हुए माला के बीच जगह बनाने में सफल रहीं।


यहां से राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ उड़न खटोले में सवार होकर वह रामपुर भी गईं। जहां अखिलेश यादव करीब 25 मिनट रहे। आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अदीब आजम से मुलाकात करने के बाद अखिलेश यादव चले गए। लेकिन रुचिवीरा वहीं रुकी रहीं। 
 


कुंदरकी की चुनावी सभा से रामपुर में दिया अधिक समय
रामपुर में उन्होंने कुंदरकी की चुनावी सभा से अधिक समय दिया। जो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। सियासी गलियारों में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि सांसद समाजवादी से ज्यादा आजमवादी हैं। सांसद समर्थक कुंदरकी के मुरादाबाद संसदीय सीट में नहोने का हवाला दे रहे हैं लेकिन प्रदेश की नौ सीटों में उपचुनाव को सम्मान का विषय मानने वाले सपाई कह रहे हैं कि नतीजे अपने हक में करने के लिए दूर दराज के जनप्रतिनिधि और पार्टी नेता किसी न किसी सीट के चुनाव में सक्रिय हैं। इससे पार्टी प्रत्याशी का मनोबल बढ़ता है तो क्षेत्र में माहौल भी बनता है।


आजम के करीबी के लिए कर रही थीं पैरवी
कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में सांसद रुचिवीरा आजम खां के करीबी के लिए टिकट की पैरवी कर रही थीं। चर्चा है कि करीबी को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने उपचुनाव से दूरी बना ली थी।

रामलीला से ईद मिलादुन्नबी तक में दिखी सक्रियता
पिछले दिनों शहर में हुई रामलीला और ईद मिलादुन्नबी पर जुलूस-ए-मोहम्मदी में सांसद रुचिवीरा सक्रिय दिखीं। इसके अलावा नगर निगम के हाउस टैक्स, रामगंगा किनारे ध्वस्तीकरण को लेकर एमडीए की ओर से जारी नोटिस या फिर शहर दूसरे प्रकरणों में सांसद ने अपनी सक्रियता दिखाई। लेकिन कुंदरकी उपचुनाव में उन्होंने अपने को सीमित कर लिया है।


यह सच है कि कुंदरकी में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनसभा में सांसद रुचिवीरा देरी से पहुंची थीं। जनसभा के बाद वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ रामपुर आजम खां के घर चली गईं थीं। लेकिन कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में सांसद पार्टी प्रत्याशी के प्रचार में लगी हैं। – जयवीर यादव, सपा जिलाध्यक्ष


Credit By Amar Ujala

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