खबर शहर , Agra News: मिट्टी की ढाय में दब गए नन्हीं पिंकी के सपने – INA
कासगंज। राष्ट्रीय राजमार्ग 530 बी की कस्बा मोहनपुरा के निकट निर्माणाधीन पुलिया के लिए खोदे गए गड्ढे में दबकर मंगलवार को चार जिंदगियां खत्म गईं। मिट्टी की ढाय में दबकर मरने वालों में 11 वर्षीय बालिका पिंकी भी रहीं। इस हादसे में नन्हीं पिंकी जिंदगी ही नहीं बल्कि उसके भावी सपने भी दफन हो गए। उसने बड़ी होकर देश सेवा के लिए पुलिस में जाने का सपना देखा था जो कि उसकी आंखें बंद होने के साथ खत्म हो गया। गांव रामपुर निवासी पिंकी (11) मंगलवार की सुबह गांव की महिलाओं के साथ मिट्टी लेने के लिए चली गई थी। यहां मिट्टी की ढाय धंसने से वह उसमें दब गई। उसे निकाल कर अस्पताल ले जाया गया, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार की रात में करीब 11 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उससके पिता मानपाल के पंजाब में काम करते हैं। पिता मानपाल ने बताया कि उसकी पुत्री पिंकी पढ़ने में काफी होशियार थी। वह शिवा इंटर कॉलेज में कक्षा छह की छात्रा थी। कहा कि पिंकी उससे फोन पर बात करते समय कहती थी कि उसे देश की सेवा करनी है, उसे पुलिस में भर्ती होना है। इसके लिए वह खूब मेहनत से पढ़ेगी लेकिन उसका सपना पूरा होने से पहले ही उसकी आंखें हमेशा के लिए बंद हो गईं।
पिता नहीं देख पाए आखिरी बार पुत्री का चेहरा :
मंगलवार की शाम को जब गांव रामपुर की अन्य तीन मृत महिलाओं का अंतिम संस्कार किया गया तो उस समय पिंकी का अंतिम संस्कार नहीं किया गया क्योंकि उसके पिता मानपाल पंजाब के लुधियाना में फल-सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं, उनके आने का इंतजार किया जा रहा था लेकिन रात में जब उनके आने में देर हुई तो करीब 11 बजे पिंकी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पिता आखिरी बार अपनी पुत्री का चेहरा नहीं देख सका।
मौत का गड्ढा देखने पहुंचा पिता : पिता मानपाल बुधवार की दोपहर में उस गड्ढे को भी देखने पहुंचा, जिस गड्ढे में गिरी मिट्टी की ढाय ने उसकी पुत्री की जान ले जी। वह काफी देर तक अपने चाचा के साथ यहां खड़े होकर गड्ढे को देखता रहा। इसके बाद वहां से वापस गांव चला गया।
आर्थिक स्थिति ने छीन ली सोने की बाली पहनने की चाहत :
मानपाल ने बताया कि करीब आठ दिन पूर्व उसकी पिंकी से फोन पर बात हुई तो वह कह रही थी कि पापा मैंने अपने कान छिदवा लिए हैं। आप मेरे लिए सोने की बाली लेते आना। इस पर मानपाल ने पिंकी को जवाब दिया था कि बेटा अभी नहीं, अभी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मैं अगले साल तुम्हें बाली दिलवा दूंगा। इस पर पिंकी चुप हो गई थी और उसने कोई जिद भी नहीं की थी।
तीन वर्ष पूर्व खत्म हो गई थी पिंकी की मां :
पिंकी की मां हेमा वर्ष 2021 में दिल का दौरा पड़ने से खत्म हो गई थी। हेमा से मानपाल को चार बच्चे यशोदा, पिंकी, विशाल व आयुष थे, इनमें पिंकी दूसरे नंबर की थी। इसके बाद मानपाल ने अंजलि से दूसरा विवाह कर लिया। अंजलि पर पहले से दो बेटियां अंशिका व वंशिका हैं। मानपाल अपनी पत्नी, दोनों पुत्रियों और विशाल के साथ पंजाब में रह रहा था। यशोदा, पिंकी व आयुष अपने दादी-बाबा के पास रह रहे थे।