यूपी – Hardoi: तीन घंटे तक नहीं आई एंबुलेंस, गर्भस्थ शिशु की चली गई जान – INA
प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती के पति ने 102 सेवा की एंबुलेंस को फोन किया। तीन बार फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं आई, तो पति निजी वाहन से पत्नी को लेकर हरपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। यहां महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। सीएचसी अधीक्षक ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के ईसेपुर गांव निवासी नेत्रपाल खेती करते हैं। उनकी पत्नी नन्हीं देवी गर्भवती थी। शनिवार रात लगभग 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर नेत्रपाल ने 102 नंबर पर फोन किया। एंबुलेंस न पहुंचने पर फिर से 10:52 बजे और 11:08 बजे फोन किया। फोन रिसीव करने वाले ने बताया कि कोई एंबुलेंस खाली नहीं है। बावन से एंबुलेंस आने पर भेजे जाने की बात कही गई। रात में एक बजे तक एंबुलेंस नहीं आई तो नेत्रपाल निजी वाहन से पत्नी को सीएचसी हरपालपुर ले गए। यहां प्रसूता ने मृत बच्चे को जन्म दिया।
नेत्रपाल का आरोप है कि अगर एंबुलेंस सही समय से आ जाती तो उसके बच्चे की जान बच सकती थी। हरपालपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. आनंद पांडेय ने बताया कि यूपी 102 सेवा का संचालन लखनऊ से होता है। सीएमओ काे पूरे मामले की लिखित जानकारी देंगे। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
वार्ड में खाली पड़े बेड, जमीन पर गर्भवती महिलाएं
हरपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाएं हावी हैं। सीएचसी परिसर के जच्चा बच्चा वार्ड में बेड खाली पड़े रहते हैं, फिर भी गर्भवती महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया जाता है। रविवार की दोपहर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के महुआकोली निवासी विशोक की पत्नी पूजा काे प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी लाया गया। यहां उसे वार्ड में ले जाने की बजाय परिसर में ही फर्श पर लिटा दिया।