अलीगढ़ शहर की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है। सांस लेना मुश्किल हो गया है। आंखों में जलन हो रही है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के आंकड़ों में तालमेल नहीं दिख रहा। 18 नवंबर को जहां नगर निगम के ऑटोमेटिक स्टेशनों पर एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 900 पहुंच गया वहीं, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी का कहना है कि शहर का एक्यूआई अभी 270 है। ऐसे में भरोसा करना मुश्किल है कि आखिर किसकी रिपोर्ट सही है और किसकी गलत।
दीपावली और शादियों में हो रही आतिशबाजियों और कूड़ा आदि जलाने से निकलने वाले धुएं से शहर की हवा जहरीली हो गई है। 18 नवंबर को आसमान में धुंध की चादर बिछी रही। नगर निगम ने एयर क्वालिटी मापने के लिए शहर के जिन 10 चौराहों पर ऑटोमेटिक मशीनें लगाई हैं वहां एक्यूआई 900 के पास पहुंच गया है। हालांकि, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी का कहना है कि 18 नवंबर को एक्यूआई 270 रहा। नगर निगम की माने तो समान्यत: शहर में 200 एक्यूआई होना चाहिए। लेकिन सभी चौराहों की एक्यूआई लगभग 400 से ऊपर पहुंच गया है। जिसके कारण शहर की हवा जहरीली हो गई है। यह वृद्ध व बीमार लोगों के लिए काफी खतरनाक है।
नगर निगम ने जिन चौराहों पर मशीनें लगाई हैं वह काफी धूल भरे इलाके हैं। वाहनों के चलने से उड़ने वाले धूलकण की वजह से मशीनों में एक्यूआई ज्यादा दर्ज हुई है। – राधेश्याम, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी
शहर के 10 चौराहों की एक्यूआई रिपोर्ट तलब की गई है। एटा चुंगी (898) और कलक्ट्रेट (802) पर एक्यूआई सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। सांस के मरीज बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकले। घर से निकलते वक्त मास्क जरूर लगाएं। – विनोद कुमार, नगर आयुक्त
Credit By Amar Ujala