कानपुर की सीसामऊ सीट चौथी बार सपा के कब्जे में रहेगी या यहां भाजपा का कमल खिलेगा, बसपा के हाथी का पैर हिलता भी है या नहीं, यह तस्वीर 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद ही साफ होगी। हालांकि 2022 की तुलना में इस बार आठ फीसदी घटे मतदान ने राजनीतिक पंडितों की गणित उलझा दी है।
राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे भले ही करें, लेकिन आश्वस्त कोई भी नहीं है। भाजपा की मोदी-योगी लहर के बावजूद 2017 के मतदान से पहले ही चुनावी पंडितों ने सीसामऊ सीट सपा की झोली में जाने की भविष्यवाणी कर दी थी। यह सही भी साबित हुई थी।
सपा ने 5,826 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2022 के पिछले चुनाव में योगी सरकार की वापसी पर दांव लगाने वाले धुरंधर चुनावी विशेषज्ञ भी इस सीट पर साइकिल ही दौड़ने का दावा कर रहे थे, जो एक बार फिर सच भी साबित हुआ।
इरफान ने 12,266 वोटों से इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी। आगजनी मामले में सजा सुनाए जाने से इरफान की विधायकी गई तो भाजपा की बांछें खिल गईं। इस बार माहौल और समीकरण बदला था।
Credit By Amar Ujala