राजधानी लखनऊ में महिला आयोग ने सभी जिलों के डीएम को बुटीक, जिम, योगा सेंटर व अन्य महिला संस्थानों की जानकारी मांगी है। आयोग ने 28 अक्तूबर को बुटीक, जिम व विशेषकर महिलाओं से जुड़े अन्य संस्थानो में ट्रेनर, दर्जी व अन्य कर्मचारी महिलाओं को ही रखने का निर्देश दिया था।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुदृढ़ करने और उनके खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए यह पहल की गई है। इससे महिलाओं को नए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। महिला आयोग के निर्णय को प्रदेश में लागू करने के लिए महिला जिम, बुटीक, योगा सेंटर की जानकारी और उनमें कार्यरत कर्मचारियों की सूची बनानी होगी।
आयोग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर एक महीने में आवश्यक जानकारी देने को कहा है। योगा सेंटर, महिला जिम सेंटर जहां महिलाएं ही अपनी फिटनेस सुधारने जाती हैं वहां पुरुष ट्रेनर और उनके सहयोगियों से बैड टच, गलत व्यवहार की कई शिकायतें मिलने के बाद आयोग ने यह निर्णय लिया था।
आयोग के आदेश का हुआ था विरोध
महिला आयोग के महिला संस्थानों में महिलाओं को ही ट्रेनर, टेलर योगा गुरु रखने के आदेश का कुछ संस्थाओं और लोगों ने विरोध भी किया। उनका कहना था कि आयोग के इस आदेश से कई पुरुषों की नौकरी चली जाएगी। हालांकि कई महिलाओं के लिए काम कर रही संस्थाओं व जिम, योगा सेंटर जा रही महिलाओं ने आयोग के आदेश का स्वागत किया और इसे महिलाओं के लिए क्रांतिकारी कदम भी कहा।
आयोग देगा महिलाओं को ट्रेनिंग
महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता सिंह चौहान का कहना है कि ऐसे संस्थान जहां महिलाएं ही सीखने जाती हैं, काम करती हैं या अपनी जरूरतों के लिए जाती हैं वहां महिलाओं को ही ट्रेनर, दर्जी होना चाहिए। महिलाओं को मौका मिलने से उन्हें रोजगार के और अवसर भी मिलेंगे। इसके अलावा यदि कहीं ऐसे संस्थानों में उपयुक्त महिला ट्रेनर, टेलर व अन्य कर्मचारियों की आवश्यकता होती है तो आयोग महिलाओं को इसके लिए ट्रेनिंग देने पर भी विचार करेगा।
Credit By Amar Ujala