कुंडा स्थित भक्ति धाम मनगढ़ में बड़ी दीदी के नाम से मशहूर जगद्गुरु कृपालु जी महराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा की सड़क हादसे में मौत की खबर से शोक की लहर दौड़ गई। दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। हरे कृष्णा, हरे रामा, कृष्णा-कृष्णा की धुन बजती रही। बड़ी दीदी भक्तों के दिल में बसी थीं। वह 17 नवंबर को मनगढ़ से वृंदावन रवाना हुईं थी। जल्द वापस आने को कहा था, लेकिन ऐसा न हो सका। रविवार को मनगढ़ धाम में पहुंचकर हर कोई उनकी सरलता, सहजता व सामाजिक कार्यों को याद कर रहा था। चेहरे पर उदासी झलक रही थी। हादसे के बाद सत्संगी वृंदावन के लिए रवाना हुए। देररात तक भक्तों से भरी बसें वृंदावन भेजी गईं। मंदिर प्रशासन ने शोक में डिग्री कॉलेज में पांच दिन का अवकाश घोषित किया है। वहीं चिकित्सालय को भी बंद कर दिया गया है।
रात दो बजे से शुरू होती थी डॉ. विशाखा की दिनचर्या
डॉ. विशाखा की दिनचर्या प्रतिदिन सुबह रात दो बजे शुरू होती थी। वह चार बजे आरती में शामिल होंती थी। पांच से आठ बजे तक कीर्तन करने के बाद वह चिकित्सालय व सत्संगियों से चर्चा करती थीं। सुबह 11 बजे में भोजन कर कुछ घंटे विश्राम करती थी। फिर दोपहर एक से तीन बजे तक कीर्तन व चार बजे शाम को आरती के बाद पांच बजे भोजन कर शाम को छह से नौ बजे तक कीर्तन में शामिल होतीं। इसके बाद रात्रि विश्राम होता था।
भक्ति का प्रचार व कुशल प्रशासक भी
डॉ. विशाखा ने पिता के निधन के बाद भक्ति धाम मनगढ़ से धर्म के प्रचार-प्रसार को विश्व स्तर तक पहुंचाया। साथ ही मनगढ़ में होने वाले कार्यक्रमों का कुशल संचालन किया। उन्होंने एक संन्यासिनी का जीवन व्यतीत किया।
धाम पहुंचे राजा भैया, जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक
कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया भी दोपहर दो बजे मनगढ़ पहुंचे। शोक सभा में शामिल हुए। डॉ. विशाखा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी, सपा सांसद डॉ. एसपी सिंह पटेल, विधायक मोना, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्वती, सांसद अमर पाल मौर्या ने संवेदना प्रकट कर शोक जताया।