यूपी – IIT BHU: न्यूरो की बीमारी कंट्रोल करेगी डिवाइस, 97 लाख की मिली ग्रांट; खास तकनीक से बनाएंगे ट्रीटमेंट डिवाइस – INA

अपंगता और न्यूरो बीमारी से बचाने के लिए आईआईटी बीएचयू को 97 लाख रुपये की ग्रांट मिली है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से मंगलवार को ग्रांट जारी की गई। 3डी बायोप्रिंटिंग तकनीक के इस्तेमाल से मेडिकल डिवाइस तैयार की जाएगी, जो कि एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) नाम की बीमारी का इलाज करने में सक्षम होगी। एएलएस एक घातक और अपंगता की लाइलाज बीमारी है। संस्थान के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुदीप मुखर्जी कोशिका आधारित ट्रीटमेंट डिवाइस बना रहे हैं। उन्हें फंड दिया गया है। डॉ. मुखर्जी और उनकी टीम 3डी बायो प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग कर एक नए तरह का मेडिकल डिवाइस तैयार कर रहे हैं।

2-4 साल में हो जाती है मौत
डॉ. सुदीप मुखर्जी ने बताया कि ये बीमारी लंबे समय से मेडिकल साइंस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी। इसकी वजह जेनेटिक है, जो व्यक्ति के चलने-फिरने, व्यवहार और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इससे श्वसन की गंभीर बीमारी हो जाती है और 2-4 साल में मौत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि ये डिवाइस बीमारी के प्रभाव को कम करेगा। फिलहाल, जल्द ही चूहे पर डिवाइस के प्रभाव की जांच की जाएगी। इसके बाद इंसानों पर परीक्षण होगा।
जिम्मेदार जीन की होगी पहचान
डॉ. सुदीप मुखर्जी ने कहा कि इस बीमारी की जिम्मेदार जीन की पहचान की जाएगी। पश्चिम बंगाल के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस रोग से ग्रसित बच्चों और लोगों का सैंपल लिया जाएगा। उनके जेनेटिक वजह न्यूरो सिस्टम और व्यावहारिक पहलुओं का व्यापक विश्लेषण किया जाएगा।


Credit By Amar Ujala

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