Nation: स्वामित्व योजना ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास : पीएम मोदी #INA
नई दिल्ली, 18 जनवरी (.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड सौंपा। इस दौरान पीएम मोदी लोगों से वर्चुअली मुखातिब हुए और इस योजना की बारीकियां समझाईं।
प्रधानमंत्री ने कहा, एक अर्थशास्त्री अपनी किताब में कहते हैं कि गांवों में लोगों के पास डेड कैपिटल होती है। क्योंकि गांव वाले, गरीब लोग उस संपत्ति के बदले में कोई लेनदेन नहीं कर सकते हैं। दुनिया के सामने मौजूद इस बड़ी चुनौती से भारत भी अछूता नहीं था। भारत के गांव में लोगों के पास लाखों लाख करोड़ रुपये की संपत्ति होने के बावजूद उसकी इतनी कीमत नहीं थी। वजह ये कि लोगों के पास अक्सर घरों के कानूनी दस्तावेज नहीं होते थे। इसलिए घर की मिल्कियत को लेकर भी विवाद होते रहते थे। कई जगहों पर दंबग घरों पर कब्जा कर लेते थे। बैंक भी ऐसी संपत्ति से दूर रहते थे। अच्छा होता अगर पहले की सरकारों ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए होते।
उन्होंने आगे कहा, 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रॉपर्टी के कागज की चुनौती से निपटने की ठानी, इसलिए हमने स्वामित्व योजना शुरू की और तय किया कि ड्रोन की मदद से देश के गांव-गांव में घरों की जमीन की मैपिंग कराई जाएगी। आवासीय संपत्ति के कागज दिए जाएंगे। मैं अभी स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से बात कर रहा था, इस योजना ने कैसे उनका जीवन बदल दिया है, अब बैंकों से मदद मिलने लगी है। उनके चेहरों पर जो संतोष था, खुशी थी, जो आत्मविश्वास था, कितना आनंददायक संवाद लगा मुझे। इसे मैं बहुत बड़ा आशीर्वाद मानता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ड्रोन सर्वे को लेकर जानकारी साझा की। बोले, हमारे देश में 6 लाख से अधिक गांव हैं। इनमें से करीब आधे गांव में ड्रोन से सर्वे हो चुका है। कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपने घर अपनी संपत्ति के आधार पर लोन लिया है। इस पैसे से छोटा-मोटा व्यापार शुरू किया है। इनके लिए ये प्रॉपर्टी कार्ड आर्थिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी बन चुकी है। अवैध कब्जा, कोर्ट के विवाद, दलित पिछड़े आदिवासी परिवार ही सबसे अधिक परेशान थे। अब कानूनी प्रमाण मिलने से उनको इस संकट से मुक्ति मिल चुकी है। एक आकलन है कि इन सभी गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड बनने के बाद 100 लाख करोड़ की आर्थिक गतिविधि का रास्ता खुल जाएगा। आज हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी ने दावा किया कि ये संपत्ति कार्ड कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
बोले, प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से डिजास्टर मैनेजमेंट बेहतर हो पाएगा, आपदा में उचित क्लेम मिलना आसान होगा। किसानों की जो जमीन होती है, उसको लेकर कितना विवाद होता है। ये परेशानियां कम हों, इसके लिए लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। स्वामित्व और भू आधार ये व्यवस्थाएं गांव के विकास का आधार बनने जा रही हैं। 23 करोड़ भू आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। बीते 7-8 साल में ही 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है।
पीएम मोदी ने बापू की कही याद की। कहा, महात्मा गांधी कहते थे, भारत गांव में बसता है, भारत की आत्मा गांव में है। पूज्य बापू के इस भाव को सही मायने में जमीन पर उतारने का काम बीते दशक में हुआ है। जिन ढाई करोड़ से अधिक परिवारों तक बिजली पहुंची बीते दस वर्षों में, वे अधिकतर गांव के हैं। जिन 10 परिवारों तक बीते दस वर्षों में शौचालय पहुंचे, वे भी ज्यादातर गांवों के ही हैं। जिन 10 करोड़ बहनों को उज्ज्वला का गैस मिला, उनमें से अधिकांश बहनें गांव में रहती हैं। जन 12 करोड़ से अधिक परिवारों तक पांच सालों में नल से जल पहुंचा है, वे भी गांव के हैं। जिन 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, वे भी गांव में ही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि बीते दशक में डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं, वे भी गांव में हैं। आजादी के इतने दशकों तक हमारे गांव, हमारे गांव के करोड़ों लोग ऐसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। हमारे दलित, पिछड़े आदिवासी परिवार सबसे ज्यादा आभाव में थे। अब इन सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ इन्हीं परिवारों को हुआ है।
पीएम मोदी ने ग्रामीण भारत को समृद्ध बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। बोले, गांवों में अच्छी सड़कें हों, इसके लिए भी बीते दशक में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। साल 2000 में जब अटल जी पीएम थे, तब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की थी। सवा आठ लाख किलोमीटर सड़क बनाई गई हैं। बीते दस सालों में पौने चार लाख किमी सड़क हमने बनाई है। गांव में इंटरनेट पहुंचाना भी हमारी प्राथमिकता रही है। 2014 से पहले देश की 100 से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड फाइबर कनेक्शन से जुड़ी थीं। बीते दस साल में 2 लाख से अधिक पंचायतों को ब्रॉडबैंड फाइबर से जोड़ा गया है।
उन्होंने आगे कहा, 2014 से पहले देश के गांवों में एक लाख से भी कम कॉमन सर्विस सेंटर थे, बीते दस सालों में 5 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, इनके साथ गांवों में सुविधाएं, आधुनिकता पहुंची है। पहले जिन सुविधाओं को लोग शहरों में देखते थे, अब गांवों में पहुंचने लगी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए शुरू की गई योजनाओं के बारे में भी बताया। बोले, 2025 की शुरुआत भी गांवों के लिए किसानों के लिए बड़े फैसलों के साथ हुई है। सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना को जारी रखने का फैसला किया है। अभी तक पौने 2 लाख करोड़ की क्लेम राशि मिल चुकी है। डीएपी खाद को लेकर भी फैसला किया गया। बीते दशक में किसानों को सस्ती खाद देने के लिए करीब 12 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुंच चुके हैं।
पीएम मोदी ने नारी शक्ति का अभिनंदन किया। बोले, विकसित भारत के निर्माण में नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए बीते दशक में हमने माताओं बेटियों के सशक्तीकरण को हर बड़ी योजना के केंद्र में रखा है। बैंक सखी, बीमा सखी जैसी योजनाओं ने गांवों में महिलाओं को सशक्त किया है। सवा करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बना दिया है। कई राज्यों में प्रॉपर्टी कार्ड में पति के साथ पत्नियों के नाम भी शामिल किए गए हैं। पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को जो घर मिलते हैं, उनमें भी अधिकतर आवास महिलाओं के नाम पर रजिस्टर किए गए हैं। स्वामित्व योजना के ड्रोन भी आज महिलाओं को प्रॉपर्टी राइट देने में मदद कर रहे हैं। स्वामित्व योजना में मैपिंग का काम ड्रोन कर रहे हैं, वहीं नमो ड्रोन दीदी योजना से गांव की बहनें ड्रोन पायलट बन रही हैं, वो ड्रोन से खेती में मदद कर रही हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई हो रही है।
प्रधानमंत्री ने संबोधन के अंत में उम्मीद जताई कि ये योजना गांवों को और समृद्ध और सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा, स्वामित्व योजना के साथ हमारी सरकार ने गांव के लोगों को सशक्त बनाया है, जो भारत के ग्रामीण जीवन का पूरी तरह कायाकल्प कर सकता है। हमारे गांव, हमारे गरीब सशक्त होंगे तो विकसित भारत का हमारा सफर भी सुहाना होगा। बीते दशक में जो भी कदम गांव और गरीब के हित में उठाए गए हैं, उसके कारण पच्चीस करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि स्वामित्व जैसी योजनाओं से हम गांवों को विकास के मजबूत केंद्र बना पाएंगे।
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केआर/
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