महाकुंभ में 52 फीट ऊंचा महामृत्युंजय यंत्र भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक : स्वामी सहजानंद सरस्वती

महाकुंभ नगर, 11 जनवरी (.)। महाकुंभ में एक अद्वितीय और दिव्य आकर्षण के रूप में 52 फीट लंबा और चौड़ा महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किया जा रहा है। यह यंत्र महाकुंभ के वैभव और जनकल्याण के उद्देश्यों को बढ़ाएगा। संगम की पावन रेती पर यह यंत्र स्थापित किया जा रहा है, इसे महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों के आधार पर बनाया गया है। यंत्र की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई की अगर हम बात करें तो इसे 52 फीट रखा गया हैं, जो इसे और भी विशेष बनाती है।

महामृत्युंजय यंत्र संस्थान के पीठाधीश्वर स्वामी सहजानंद सरस्वती ने . से बातचीत करते हुए बताया कि यह यंत्र 2025 में प्रयागराज की पवित्र भूमि पर स्थापित किया जाएगा। विश्व के सबसे बड़े महामृत्युंजय मंत्र के रूप में यह यंत्र स्थापित हो रहा है, जो अलौकिक और दिव्य आयोजन होगा। इस आयोजन के जरिए मानवता के कल्याण के लिए एक शक्तिशाली संदेश दिया जाएगा। महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षर हमारे जीवन और ब्रह्मांड के मूलभूत तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह यंत्र केवल शारीरिक रोगों का निवारण नहीं करेगा, बल्कि मानसिक प्रदूषण को भी दूर करेगा।

स्वामी सहजानंद सरस्वती ने बताया कि 52 फीट ऊंचा यह महामृत्युंजय यंत्र न केवल भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक होगा, बल्कि यह पूरे विश्व में सकारात्मक वातावरण का संचार करेगा। इसके अलावा, इस महामृत्युंजय यंत्र के माध्यम से लोगों को जीवन के वास्तविक उद्देश्य और त्याग-समर्पण की प्रेरणा मिलेगी। यह आयोजन हम सबको एकजुट करेगा और साथ ही भारत सरकार के प्रधानमंत्री के आह्वान पर यहां पर लाखों की संख्या में थैला बांटे जाएंगे, ताकि कुंभ मेले में किसी प्रकार की गंदगी न हो और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि इस यंत्र के दर्शन मात्र से किसी भी व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी और उसे एक नई ऊर्जा प्राप्त होगी। यह यंत्र समाज को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य प्रदान करेगा।

बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है। 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ में महज गिनती के कुछ दिन बचे हैं। हर 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित होने वाले महाकुंभ में लाखों-करोड़ों साधु-संत और श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। मान्यता के अनुसार, कुंभ मेले में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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पीएसके/जीकेटी

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