दुनियां – 14 साल बाद दमिश्क पहुंचीं सीरियाई पत्रकार, न्यूज पढ़ते वक्त फूट-फूट कर रोईं – #INA
सीरिया में बशर अल-असद शासन के खात्मे के बाद सीरियाई पत्रकार दीमा इज्जेदीन दमिश्क वापस आई हैं. 14 साल के निर्वासन के बाद उनकी वापसी हुई है. जब वह अपने काम पर लौंटी तो न्यूज पढ़ते वक्त फूट फूट कर रोने लगीं. सीरिया में 8 दिसंबर को तख्तापलट हुआ था. असद शासन के बाद विद्रोही गुट ने अबू मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व में यहां अपना कब्जा जमा लिया है.
असद 8 दिसंबर को दमिश्क छोड़कर भाग गए थे. इसके बाद विद्रोही गुट ने सीरिया में तख्तापलट का ऐलान किया था. असद के भागने के बाद विद्रोही गुट ने कहा कि सीरिया में एक नए युग की शुरुआत हो रही है.
Very powerful. Syrian journalist @dimaizzedin is back in Damascus after 14 years of exile. She can’t stop her tears while reading the news.pic.twitter.com/8buxZgs8pP
— Jenan Moussa (@jenanmoussa) December 12, 2024
जो बीते 13 साल में नहीं हुआ वो 11 दिन में हो गया
सीरिया में जो बीते 13 साल में नहीं हुआ, वो महज 11 दिन में हो गया. राष्ट्रपति असद को बेदखल करने के लिए 2011 में विद्रोह शुरू हुआ था.करीब 13 साल की जद्दोजहद महज 11 दिन में ही खत्म हो गया. 27 नवंबर को असद के खिलाफ जंग की शुरुआत हुई थी. विद्रोही गुट के लड़ाके ने सीरिया के शहरों पर कब्जा करना शुरू किया. सबसे पहले अलेप्पो पर कब्जा किया.
विद्रोह के 13 साल बाद उखड़ गई असद की सत्ता
इसके बाद शहर दर शहर उसका कब्जा होते गया. हमा, होम्स, दारा के बाद विद्रोही गुट के लड़ाके दमिश्क पहुंचे. विद्रोही गुट के लड़ाकों के दमिश्क पहुंचने के बाद असद वहां से भागकर रूस चले गए. साल 2011 में जब सीरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था तो राष्ट्रपति असद ने इन्हें क्रूरता से दबाने की कोशिश की. मगर 13 साल बाद सीरिया से उनकी सत्ता उखड़ गई और उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा.
सीरिया में तख्तापलट के पीछे मोहम्मद अल जुलानी
सीरिया में इस तख्तापलट के पीछे अबु मोहम्मद अल जुलानी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. जुलानी के नेतृत्व में ही विद्रोही गुट ने असद सरकार को उखाड़ कर फेंक दिया. सीरिया में तख्तापलट करने के बाद जुलानी ने कहा कि यह जीत ऐतिहासिक है. अब सीरिया का शुद्धिकरण शुरू हो गया है. सीरिया में असद के बर्बरताओं का अंत हो गया है. जुलानी इस समय सीरिया के सबसे बड़े विद्रोही नेता हैं. 2013 में अल-कायदा से संबंध तोड़ने के बाद वह सुर्खियों में आए. इसके बाद उन्होंने अपने समूह हयात तहरीर अल-शाम को फिर से ब्रांड बनाया.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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