मुख्यमंत्री जी ! फर्जी मेडिकल रिपोर्ट जारी करने वाले डायग्नोस्टिक सेन्टरो पर कब होगी कार्रवाई?
🔵 पुलिसिया खुलासे के बाद भी अब तक नही हुआ कुमकुम व सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर पर कोई कार्रवाई
🔴 2 सितंबर को पुलिस के हत्थे चढे ठगो के पास से भी बरामद हुआ है मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । मुख्यमंत्रीजी ! जनपद के बेरोजगारों को विदेश में रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को फर्जी मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध करने वाले डायग्नोस्टिक सेन्टरो पर कब होगी कार्रवाई । कहना ना होगा कि विदेश भेजने के नाम पर कबूतरबाज जनपद में अवैध रूप से संचालित डायग्नोस्टिक सेन्टर से मिलकर बेरोजगार युवकों को ठगी का शिकार बना रहे है।इसमे पडरौना नगर के कुमकुम डायग्नोस्टिक व सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर के अलावा तमाम डायग्नोस्टिक सेन्टर भी शामिल है जिसका खुलासा बीते माह तत्कालीन पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने की थी। मजे कि बात यह है कि जनपद मे कोई भी डायग्नोस्टिक सेन्टर विदेश जाने वालो का मेडिकल करने के लिए अधिकृत नही है। इसके बावजूद इन डायग्नोस्टिक सेन्टरो के खिलाफ न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही सीएमओ द्वारा अब तक कोई कार्रवाई की गई। कार्रवाई न होने के पीछे की वजह कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर के संचालक और सीएमओ के बीच खास याराना बताया जा रहा है।
बतादे कि पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के निर्देशन पर जनपद में अपराध पर अंकुश लगाने व अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के आठ सदस्यों को साइबर थाना व रविन्द्र नगर थाना की संयुक्त पुलिस टीम ने 2 सितम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने पकडे गये इन अपराधियों के पास से कूटरचित दस्तावेज, 225 अदद पीडित लोगो का बंधक रखा गया पासपोर्ट , तीन लाख रुपये नगद, एक अदद स्कार्पियो, एक अदद मोटरसाइकिल, तीन अदद लैपटाप, एक अदद सीपीयू, एक अदद प्रिंटर,13 अदद मोबाइल फोन, दर्जनो फर्जी आफर लेटर, बीस अदद फर्जी मोहर , 22 अदद फर्जी सिम कार्ड ,चेकबुक, एटीएम कार्ड, पीडित लोगो का बन्धक रखा गया पासबुक,मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र सहित अन्य कागजात की बरामद की थी। रवीन्द्रनगर पुलिस ने बरामदगी एवं गिरफ्तारी के आधार पर मनोज कुमार यादव उर्फ राहुल राय पुत्र दुलारचन्द यादव निवासी सिसई, थाना गोरेयाकोठी जनपद सिवान बिहार, पीताम्बर उर्फ अभिजीत राव पुत्र परमेश्वर राव निवासी कुमबरगांवा थाना नामकुम जनपद रांची झारखण्ड, राजेश कुमार उर्फ संतोष गुप्ता पुत्र भिन्डर सिंह उर्फ रविन्द्र राजभर साकिन खैराती थाना हुसैनगंज जनपद सिवान बिहार, विकास कुमार यादव उर्फ अमित कुमार पुत्र जगलाल यादव निवासी बिश्वम्भरपुर थाना जामो बाजार जनपद सिवान बिहार, नितीश कुमार पुत्र शम्भू सिंह साकिन बिश्वम्भरपुर थाना जामो बाजार जनपद सिवान बिहार, संजय कुमार यादव पुत्र दुलारचन्द यादव सिसई थाना गोरेयाकोठी जनपद सिवान बिहार, मिथिलेश कुमार यादव पुत्र जगलाल यादव स बिश्वम्भर पुर थाना जामो बाजार जनपद सिवान बिहार, विनय कुमार यादव पुत्र जितेन्द्र यादव निवासी खोड़ी पालड़ जद्दी टोला पारसपट्टी थाना जामो बाजार जनपद सिवान बिहार के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या- 147/2024 धारा 319(2) ,318(4), 338,336(3),340(2) दर्ज कर शातिर ठगो को जेल भेज दिया। हलांकि कि इस दौरान मेडिकल रिपोर्ट जारी करने वाले डायग्नोस्टिक सेन्टर का पुलिस ने खुलासा नही किया जो न सिर्फ अपने आप मे सवाल है बल्कि डायग्नोस्टिक सेन्टरो पर कार्रवाई न होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
🔴तत्कालीन एसपी ने किया था डायग्नोस्टिक सेन्टरो के नाम का खुलासा
गौरतलब है कि जनवरी माह मे कुशीनगर जनपद के अलावा देवरिया, गोरखपुर और महराजगंज के साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के सौ से अधिक बेरोजगारों से साठ लाख रुपये से अधिक की रकम हड़पने वाले ठगी गिरोह भारत टेक्निकल इंस्टीट्यूट के आठ सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से 11 लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप, 12 मोबाइल फोन, 16 पासपोर्ट, 29 सिमकार्ड, 19 आधार कार्ड, तीन एटीएम, कंप्यूटर, प्रिंटर, 54 फर्जी सरकारी और प्राइवेट मुहर, 48 देशों के कूटरचित सर्विस ऑफर लेटर, 12 मेडिकल फिटनेस फर्जी प्रमाण पत्र, रजिस्टर और एक चार पहिया वाहन बरामद किया था। इस दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने पडरौना नगर के सुभाष चौक पर संचालित कुमकुम डायग्नोस्टिक, सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर सहित एक अन्य डायग्नोस्टिक सेन्टर का नाम उजागर किया था जिसने उन बेरोजगारों को फर्जी तरीके के मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया था। बताया जाता है कि पुलिस कोतवाली एक डायग्नोस्टिक सेन्टर के मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज अपने कार्रवाई का इतिश्री कर लिया। जबकि कुमकुम और सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर का नाम उजागर होने के बाद भी न तो कोतवाली पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई की गई और न ही सीएमओ ने इन डायग्नोस्टिक सेन्टरो के खिलाफ कोई कार्रवाई किया। कोतवाली पुलिस व स्वास्थ्य महकमा द्वारा कार्रवाई नही किये जाने के पीछे कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर के संचालक डाॅ, नंदलाल कुशवाहा की रसूखदारी बतायी जाती है।