जाली नोट प्रकरण : रियल स्टेट कम्पनी और मदरसा के लोगो की उडी रातो की नींद
🔴जाली नोट मामले मे गृह मंत्रालय भी जमाये हुए है नजर
🔴अब तक ग्यारह अभियुक्त जा चुके है सलाखों के पीछे
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों मे रहा नकली नोट मामले में रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे की संदिग्ध भूमिका का साक्ष्य जब से जांच एजेंसियों के हाथ लगा है तब से जिले के रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे के लोगो की दिन का चैन और रातो की नींद हराम हो गयी है। यही वजह है कि कानून के घेरे से बचने के लिए कोई राजनीतिक जुगाड़ लगाने मे जुटा है तो कोई अपनी समाज सेवा का किस्सा प्रचारित कर जांच एजेंसियों के रडार से बचाना चाहता है। अब सवाल यह उठता है कि जाली नोट मामले मे जांच की जद में आने के बाद अपनी समाज सेवा का कार्य प्रसारित करने के पीछे राज क्या है? आम लोगों का मानना है कि इसके पीछे कही जांच एजेंसियों को भ्रमित करने का कोई उद्देश्य तो नही है। अनुमान चाहे जो भी हो जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी।
बतादे कि सितम्बर माह के 23 तारीख को पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र के निर्देश पर कुशीनगर जनपद के विभिन्न थानों की पुलिस ने संयुक्त आपरेशन के तहत जिले में जाली नोट कारोबार के गिरोह के खिलाफ बडी कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना रफी अहमद सहित दस लोगो को गिरफ्तार कर तमकुहीराज कस्बा से जाली नोट व हथियारो का जखीरा बरामद किया था। दुसरे दिन जिले की पुलिस ने इस गिरोह के एक और सदस्य को मुठभेड में दबोच लिया। इस तरह इस मामले मे अब 11 अभियुक्त जेल जा चुके है। इसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा मे आ गया है। मामला देश के अर्थ व्यवस्था से जुडे होने के कारण एटीएस और एनआईए प्रकरण की जांच शुरू कर दी। यही वजह है कि इस मामले में गृह मंत्रालय भी नजर जमाये हुए है। पुलिसिया जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने ज्यादातर नकली नोट जमीन की खरीद-फरोख्त में खपाया गया है। मामले की जांच मे जुटी स्थानीय पुलिस सहित एटीएस व एनआईए की टीमों को जाली नोटों के कारोबारियों द्वारा नकली नोटों के अवैध कारोबार से रियल स्टेट का एक बडा सिंडिकेट तैयार किये जाने का अहम सुराग हाथ लगा है। कहना ना होगा कि जांच टीम अपने हाथ लगी साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करती है तो कुशीनगर, गोरखपुर सहित तमाम जगहो पर रियल स्टेट का कारोबार कर सडक से हवेली और साइकिल से लग्जरी वाहनों का सैर करने वाले लोगो की मुश्किलें बढ़ सकती है। सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियों को इस गिरोह के तार नेपाल और सऊदी अरब से भी जुडे मिले है। इसके अलावा जांच एजेंसी के हाथ तमकुहीराज स्थित मदरसा गौसिया इमदादुल उलूम की संदिग्ध भूमिका का भी साक्ष्य मिला है। इसके पीछे वजह यह है कि नकली नोट मामले मे गिरफ्तार कर जेल भेजे गये गिरोह के रफी अहमद, नौशाद खान और हासिम अंसारी मदरसा के प्रबंधकीय कमेटी में शामिल है। सूत्र बताते है कि पिछले काफी दिनो से इस मदरसे में बाहरी लोगों का आवाजाही होता रहता है।
🔴रियल स्टेट कम्पनी के मालिक का अलग-अलग बयान
रियल स्टेट कारोबार मे जाली नोटों की खपत होने की बात उजागर होने के बाद मीडिया ने कसया स्थित रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर से बातचीत किया। आलमगीर ने बताया कि उन्हे अब तक न तो कोई नोटिस मिला है और न ही किसी ने कोई पूछताछ की है जबकि रेडहिल के मालिक आलमगीर पिछले तीन अक्टूबर को प्रकाशित खबर ” जांच की जद मे रियल स्टेट कम्पनियां, मचा हडकंप ” शीर्षक से प्रकाशित खबर मे अपना पक्ष देते हुए कहा था कि उनकी कम्पनी की जांच चल रही है, कानून पर पुरा भरोसा है। जाली नोटों के कारोबारियों से कोई लेना-देना नही है और न ही उनसे दूर – दूर तक कोई संपर्क और संबध है। इसी खबर मे उनके सहयोगी द्वारा खबर प्रकाशित करने नोटिस भेजवाने की धमकी दी गयी थी। अब सवाल यह है कि आखिरकार रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के सीएमडी आलमगीर मीडिया को अलग-अलग दो तरह का बयान क्यो दे रहे है ? जाली नोट प्रकरण से संबंधित स्थानीय पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा उनसे कोई पूछताछ नही की गयी और उन्हें कोई नोटिस नही मिला था तो उन्होने मीडिया से यह क्यो कहा कि जाच चल रही है कानून पर उन्हें पूरा भरोसा है। हालाकि इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कोई संतुष्ट पूर्ण जबाब नही दिया बस इतना कहा कि हमे जानकारी नही था, लगा की हमारी कम्पनी की भी जांच चल रही है लेकिन जब पता किया तो ऐसा कुछ नही है। उन्होंने कहा हम कही से गलत नही है। हम कानून के साथ है और जांच मे जो भी सहयोग होगा वह करेगे।