धर्म-कर्म-ज्योतिष – Bajrang Baan Path: क्या बजरंग बाण का पाठ हर दिन नहीं सुनना चाहिए? जानें बागेश्वर धाम महाराज का क्या कहना है #INA

Bajrang Baan Path: जय बजरंग बली, कहते हैं जिसने सच्चे मन से ये बार भी बोल दिया हनुमान जी उसके सारे दुख दर्द पलक झपकते ही दूर कर देते हैं. आस्था और विश्वास के आधार पर अगर कहें तो ये सच है. हनुमान जी के भक्त सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब हैं. बजरंग बली के नाम का जाप ज्यादातर लोग तब करते हैं जब उनके ऊपर कोई बड़ा संकट आता है. संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा… हनुमान चालीसा में ये चौपाई पढ़कर लोग मानते हैं कि हिम्मत मिलती है. इसके अलावा बजरंग बाण का पाठ भी बेहद चमत्कारी माना जाता है. हिंदू धर्म में लोगों को हनुमान जी पर और उनके इस पाठ पर अटूट विश्वास है. लेकिन कुछ दिनों से इस पाठ को लेकर बहस छिड़ गयी है कि इसे प्रतिदिन करना चाहिए या नहीं. बागेश्वर धाम सरकार क्या मानते हैं पहले आप ये जान लें. 

क्या बजरंग बाण का पाठ हर दिन नहीं सुनना चाहिए?

बागेश्वर धाम महाराज के अनुसार, बजरंग बाण का पाठ हर दिन नहीं सुनना चाहिए. उनका मानना है कि बजरंग बाण एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है, जो विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, जैसे कि जब जीवन में किसी बड़ी बाधा या समस्या का सामना हो रहा हो. यह एक आध्यात्मिक उपाय है जो संकट के समय में किया जाता है. महाराज का यह कहना है कि जबकि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ हर दिन किया जा सकता है, बजरंग बाण का प्रयोग तभी करना चाहिए जब विशेष रूप से किसी बड़ी समस्या या डर से निपटने की आवश्यकता हो. इसे हर दिन सुनना या पढ़ना आवश्यक नहीं है, क्योंकि यह अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिसका बिना कारण प्रतिदिन उपयोग करना उचित नहीं है. इसलिए, इसे संयम और श्रद्धा के साथ उचित समय पर ही करना चाहिए.

अब ये बागेश्वर धाम सरकार क्यों कह रहे हैं आपने ये जान लिया. उन्हें भी भगवान हनुमान का भक्त ही कहा जाता है. पूजा-पाठ को लेकर सभी लोगों के अपने मत होते हैं. इसमें क्या सही है क्या गलत है ये लोगों की सोच पर भी निर्भर करता है. धर्म शास्त्रों में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि बजरंग बाण का पाठ हर दिन नहीं किया जा सकता.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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