दुनियां – यूक्रेन जंग में AI से उड़ाएगा ड्रोन; रूस में रिमोट के इशारे से तबाही का प्लान – #INA

दो सालों से ज्यादा समय से चल रहे रूस-यूक्रेन जंग में AI की एंट्री हो सकती है। यूक्रेन में कुछ स्टार्टअप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक सिस्टम विकसित कर रहे हैं जो ज्यादा से ज्यादा ड्रोन को एक साथ उड़ाने में मदद करेंगे। इस युद्ध में दोनों देश तकनीकी बढ़त हासिल करने की होड़ में हैं। यूक्रेन को उम्मीद है कि फ्रंट लाइन में AI-सक्षम ड्रोन की मदद से उसे रूस सिग्नल जामिंग की समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा UAV यानी मानव रहित उड़ानों का संचालन करने में भी मदद मिलेगी। यूक्रेन में AI ड्रोन का विकास कई चीजों के लिए किया जा रहा है। यह तकनीक लक्ष्य की पहचान करने और उन तक ड्रोन उड़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये नेविगेशन के लिए इलाके की मैपिंग करते हैं।

इस पर काम करने वाली एक कंपनी स्वॉर्मर एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रही है जो ड्रोन को एक नेटवर्क में जोड़ता है। इसकी मदद से ड्रोन के नेटवर्क को सिर्फ एक कमांड से संचालित किया जा सकेगा और इंसान को सिर्फ इन स्वचालित हमलों को हरी झंडी दिखाने की जरूरत होगी। स्वॉर्मर के सीईओ सेरही कुप्रिएन्को ने कीव में रॉयटर्स को बताया, “जब आप मानव पायलटों के साथ बड़े पैमाने पर काम करने की कोशिश करते हैं तो यह काम नहीं करता है। 10 या 20 ड्रोन या रोबोट के झुंड को इंसानों द्वारा मैनेज करना लगभग असंभव है।” स्वॉर्मर 200 से अधिक तकनीकी फर्मों में से एक है जो 2022 में रूस द्वारा अपने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से आगे आई है। इन कंपनियों में आईटी पृष्ठभूमि वाले नागरिक यूक्रेन को रूस का मुकाबला करने में मदद करने के लिए ड्रोन और अन्य उपकरण विकसित करने में मदद कर रहे हैं। कुप्रिएन्को ने कहा कि जहां इंसानों को पांच से ज्यादा ड्रोन से जुड़े ऑपरेशन चलाने के लिए भी दिक्कत होती है, एआई सैकड़ों ड्रोन को एक साथ संचालित करने में सक्षम होगा।

ऐसे हथियारों की नैतिकता पर सवाल
वहीं सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के एडजंक्ट सीनियर फेलो सैमुअल बेंडेट ने कहा कि लक्ष्य चयन में सिस्टम द्वारा गलतियों की गुंजाइश होती है और इसे रोकने के लिए AI ड्रोन नियंत्रण प्रणालियों के लिए कम से कम एक इंसान की जरूरत होगी ही। ऐसे हथियारों की नैतिकता के बारे में भी कई बार चिंता जताई गई है। 2020 के यूरोपीय संसद के रिसर्च में यह चेतावनी दी गई थी कि ऐसी प्रणालियां अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करती हैं। यूक्रेन में कुछ लंबी दूरी के ड्रोन हमलों में पहले से ही AI का उपयोग किया जा रहा है जो रूस में सैकड़ों किलोमीटर दूर सैन्य ठिकानों और तेल रिफाइनरियों को निशाना बनाते हैं। एनडीटीवी ने एक यूक्रेनी अधिकारी के हवाले से बताया कि हमलों में कभी-कभी लगभग 20 ड्रोन के झुंड शामिल होते हैं। 

यूक्रेन का लक्ष्य सस्ता AI ड्रोन सिस्टम बनाना
रूस यूक्रेन के बीच इस जंग में AI-सक्षम ड्रोन की जरूरत अब ज्यादा महसूस होने लगी है। दोनों पक्ष इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम को रोल आउट कर रहे हैं जो पायलटों और ड्रोन के बीच सिग्नल को जाम करते हैं। यदि पायलट का ड्रोन से संपर्क टूट जाता है तो वे इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं और ड्रोन ज़मीन पर गिर जाता है। AI की मदद से ड्रोन अपने लक्ष्य तक बिना पायलट के पहुंच सकते हैं। AI-सक्षम ड्रोन वर्षों से विकास में हैं लेकिन अब तक उन्हें महंगा और प्रयोगात्मक माना जाता था। यूक्रेन में कंपनियों के लिए मुख्य लक्ष्य ड्रोन के लिए एक ऐसा AI सिस्टम बनाना है जो सस्ता हो। इससे इसे पूरे 1,000 किमी (621 मील) फ्रंट लाइन पर बड़े पैमाने पर तैनात किया जा सकेगा जहां हर हफ़्ते हज़ारों FPV ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है।

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