दुनियां – इधर भारत ने दी शेख हसीना को शरण, उधर चीन ने बांग्लादेश के कट्टरपंथियों से मिला लिया हाथ – #INA

शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में तेजी से बदलाव हो रहा है. देश में मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार है और जल्द ही वहां नई सरकार के लिए आम चुनाव होने हैं. बांग्लादेश के बदलते राजनीतिक परिवेश को विदेशी ताकतें भी भुनाने में लग गई हैं. इस कड़ी में चीन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. चीन ने भांप लिया है कि बांग्लादेश में अब कट्टरपंथ विचारधारा रखने वाले लोगों का दबदबा रहने वाला है और उसके व्यापार के लिए कट्टरपंथी नेताओं से दोस्ती अहम रोल अदा कर सकती है.
चीन के बांग्लादेश में राजदूत यौ वैन जमात-ए-इस्लामी पार्टी के ऑफिस पहुंचे और जमात के अमीर शफीक उर रहमान से मुलाकात की. जमात-ए-इस्लामी के ऑफिस में 14 सालों में किसी विदेशी अधिकारी का ये पहला दौरा है.
2010 में युद्ध अपराधों के लिए पार्टी पर केस चलाया गया था और प्रतिबंध लगा दिया गया था. शेख हसीना के राज के दौरान पार्टी से विदेशी ताकतों ने दूरी बनाए रखी थी. इसी तरह चीन ने अफगानिस्तान से अमेरिका के भागने के बाद सबसे पहले तालिबान से हाथ मिलाया था और चीन की कई कंपनिया आज तालिबान सरकार के साथ काम कर रही है. बांग्लादेश में भी चीन ऐसे मौके को अपने हाथ जाने नहीं देना चाहता.

Chinese Ambassador to Bangladesh HE Mr. Yao Wen meets Jamaat Ameer
Chinese Ambassador to Bangladesh HE Mr. Yao Wen paid a courtesy call to the Ameer of Bangladesh Jamaat-e-Islami Dr. Shafiqur Rahman at the central office of the organization on 2nd September, Monday. He led a pic.twitter.com/vdkmTbjemI
— Bangladesh Jamaat-e-Islami (@BJI_Official) September 2, 2024

शेख हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा है और वो अभी यहीं रह रही हैं. उधर, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद यूनुस सरकार ने जमात से प्रतिबंध हटा दिया है और जेल बंद इसके नेताओं को रिहा किया है. जमात पर इस्लामी कट्टरपंथ होने का आरोप है और इतिहास में इसके कई सदस्य हिंसाओं में भी लिप्त रहे हैं.
जमात-ए-इस्लामी एक सुसंगठित संगठन
जमात के अमीर से मुलाकात के बाद चीनी राजदूत ने बांग्लादेश को खूबसूरत देश बताते हुए उसकी तारीफ की और जमात-ए-इस्लामी को सुसंगठित संगठन बताया. उन्होंने कहा कि चीन बांग्लादेश के लोगों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता चाहता है और बांग्लादेश के विकास, प्रगति और समृद्धि की दिशा में काम करना जारी रखेगा.
हसीना सरकार में चीन को भारत के बांग्लादेश का दूसरे नंबर का अलाय समझा जाता था. यूनुस सरकार के साथ काम करने वाले कुछ देशों में चीन भी शामिल है. जानकारों का मानना है कि देश की राजनीति में आ रहे बदलाव का सहारा लेके चीन बांग्लादेश में भारत से ज्यादा अपनी पकड़ मजबूत करने में लग गया है.
रोहिंग्या के पुनर्वास पर हुई चर्चा
बांग्लादेश की विदेश नीति के लिए रोहिंग्या शरणार्थी एक बड़ा मुद्दा है जमात के डॉ. शफीकुर्रहमान ने चीन के राजदूत से रोहिंग्याओं के पुनर्वास में चीन को और ज्यादा सक्रिय होने की अपील की. साथ ही बांग्लादेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में चीन के खास योगदान की सराहना की और चीन से देश में और निवेश करने का आग्रह किया.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button