दुनियां – क्यों उठी बांग्लादेश का राष्ट्रगान बदलने की मांग, भारत पर लगा ये आरोप? – #INA

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले दिनों राष्ट्रगान बदलने को लेकर मांग उठी थी. दरअसल, देश के एक पूर्व सैनिक ने कहा था कि देश का राष्ट्रगान, “अमार सोनार बांग्ला” हम पर भारत ने साल 1971 में थोपा था और देश का राष्ट्रगान देश के औपनिवेशिक अतीत को सामने रखता है.
बांग्लादेश में कट्टरपंथी राष्ट्रगान को बदलने की मांग कर रहे थे, इसी बीच देश की अंतरिम सरकार ने साफ-साफ कह दिया है कि उसकी देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई मंशा नहीं है.
क्यों उठी थी राष्ट्रगान बदलने की मांग
देश के बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने इस हफ्ते राष्ट्रगान को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने भारत पर आरोप लगाते हुए राष्ट्रगान और संविधान को बदलने की मांग की थी.
अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने कहा, मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं. देश का वर्तमान राष्ट्रगान हमारे आजाद बांग्लादेश के विपरीत है. यह राष्ट्रगान बंग्लादेश के विभाजन और दो बंगाल के एक होने के समय को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा, ऐसा कैसे हो सकता है कि एक गीत दो बंगाल को एक करने के लिए बनाया गया था वो स्वतंत्र बंग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है.
भारत पर लगाया आरोप
अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, हमारे ऊपर भारत ने साल 1971 में यह राष्ट्रगान थोपा है. उन्होंने कहा, काफी सारे गीत देश के राष्ट्रगान बन सकते हैं. देश की अंतरिम सरकार को एक कमिशन का गठन करना चाहिए जो देश के लिए नए राष्ट्रगान को चुने.
संविधान में बदलाव की भी उठाई मांग
पूर्व ब्रिगेडियर जनरल ने भी राष्ट्रगान बदलने को लेकर मांग उठाई थी. पूर्व ब्रिगेडियर जनरल को शेख हसीना की सरकार का तख्ता पहट होने के बाद रिहा किया गया था. उन्होंने हाल ही में नए राष्ट्रगान बनाने का समर्थन किया, उन्होंने कहा ऐसे राष्ट्रगान का गठन किया जाना चाहिए जो देश की पहचान और मूल्यों के साथ बेहतर ढंग से मेल खाता हो.साथ ही उन्होंने संविधान में बदलाव करने की तरफ इशारा करते हुए कहा, संवैधानि में भी सुधार होना चाहिए, कानून इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप होने चाहिए.
सरकार ने किया इंकार
देश की अंतरिम सरकार ने राष्ट्रगान में बदलाव करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है. देश के धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की सरकार की कोई योजना नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा, बांग्लादेश पड़ोसी देश भारत के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखना चाहता है.
हुसैन ने देश में मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर कहा, जो लोग भी धार्मिक स्थलों पर हमला करते हैं वो इंसानियत के दुश्मन है. वो लोग अपराधी है और उनको सजा दी जाएगी. बहुत जल्द दुर्गा पूजा मनाई जाएगी, जिसको लेकर उन्होंने कहा, देश में दुर्गा पूजा के समय मदरसा के छात्र मंदिरों की सुरक्षा करेंगे ताकि दुर्गा पूजा के समय मंदिरों पर किसी तरह का हमला न हो.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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