दुनियां – गाजा युद्ध: इजराइल और मिस्र के बीच बढ़ा तनाव, जानिए क्या है वजह? – #INA

मिडिल ईस्ट में इजराइल कई मोर्चों पर घिरता हुआ नजर आ रहा है. एक तरफ गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध जारी है तो वहीं दूसरी ओर हिजबुल्लाह और हूती संगठन भी इजराइल की टेंशन बढ़ा रहे हैं. इस्माइल हानिया की मौत से आक्रोशित ईरान भले ही शांत हो लेकिन इजराइल पर उसके हमले का खतरा अब भी बरकरार है. इस बीच इजराइल और मिस्र के बीच भी तनाव की खबर है.
दरअसल इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू बार-बार मिस्र बॉर्डर से हथियारों की तस्करी का दावा करते रहे हैं जिसे लेकर अब मिस्र ने नेतन्याहू पर पलटवार किया है. मिस्र ने राफा बॉर्डर पर बने फिलाडेल्फी कॉरिडोर से जल्द इजराइली सैनिकों को हटाने की भी मांग की है.
नेतन्याहू के दावे पर भड़का मिस्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिस्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दावों पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस अधिकारी का कहना है कि नेतन्याहू हमास के साथ युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की बातचीत में बाधा डाल रहे हैं. मिस्र की ओर से ये आरोप तब सामने आए जब कुछ दिनों पहले ही नेतन्याहू ने गाजा-मिस्र सीमा पर नियंत्रण बनाए रखने पर जोर दिया. उन्होंने दावा किया कि यह हमास के लिए राफा बॉर्डर फिर से हथियारबंद होने का एक तरीका है. मिस्र ने नेतन्याहू के हथियारों की तस्करी के दावों की निंदा की है और क्षेत्र से इजराइली सैनिकों की वापसी के लिए समयसीमा की मांग की है.
वहीं इस बयान के ठीक 24 घंटे के बाद मिस्र की सेना के चीफ ऑफ स्टाफ राफा बॉर्डर का निरीक्षण करने पहुंच गए. स्टेट मीडिया ने बताया है कि चीफ ऑफ स्टाफ ने बॉर्डर सिक्योरिटी का जायजा लिया, हालांकि इसके अलावा कोई जानकारी नहीं दी गई.
कॉरिडोर पर नियंत्रण की जिद!
दरअसल इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार राफा बॉर्डर पर स्थित फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखने पर जोर दिया है. गाजा और मिस्र बॉर्डर पर स्थित यह 14 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है, जिसकी चौड़ाई करीब 100 गज है. यह गाजा पट्टी और मिस्र के बीच बफर जोन का काम करता है, लेकिन नेतन्याहू का दावा है कि इस रास्ते का इस्तेमाल हमास को हथियार सप्लाई के लिए किया जाता है.
फिलाडेल्फी कॉरिडोर की वजह से अटकी थी डील
हमास और इजराइल के बीच गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई की बातचीत नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी. कई महीनों से अमेरिका, कतर और मिस्र इसके लिए कोशिश कर रहे थे लेकिन फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखने की नेतन्याहू की जिद की वजह से समझौता नहीं हो पाया. हमास के साथ-साथ मिस्र भी इस कॉरिडोर पर इजराइल के नियंत्रण के खिलाफ है.
वहीं इजराइल के रक्षा मंत्री समेत कई सुरक्षा अधिकारियों ने भी नेतन्याहू की इस डिमांड को गैर-जरूरी ठहराया है. रक्षा मंत्री योव गैलेंट के मुताबिक मिस्र बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती किए बिना भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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