दुनियां – पुरानी रणनीति, नई तकनीक: मोबाइल से पहले भी आतंकी को मौत के घाट उतार चुका है इजरायल – #INA

इजरायल के लिए एक बात कही जाती है कि वह अपने देशवासियों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करता और अगर कोई उसके लोगों को नुकसान पहुंचता है तो वह उसे दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ कर मौत के घाट उतार देता है. इजरायल का कहना है कि वह ‘कभी नहीं भूलता’ और अपने दुश्मनों का चुन-चुनकर खात्मा करता है. बेरूत में एक साथ करीब 4000 पेजर के ब्लास्ट होने के बाद हिजबुल्लाह का आरोप इजरायली पर है क्योंकि अपने दुश्मनों पर नजर रखने, निगरानी करने और यहां तक कि उनकी हत्या करने के लिए टेलीफोन का इस्तेमाल करने का उसका दशकों पुराना इतिहास रहा है.
इजरायल ने दूर बैठकर भी रिमोट ऑपरेशनों को अंजाम दिया है, जिसमें हाल ही में ईरान के अंदर हमास के सुप्रीम लीडर इस्माइल हानिया की हत्या भी शामिल है. इसके अलावा गुप्त ईरानी परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने वाले वैज्ञानिक की रिमोट-नियंत्रित मशीन गन से हत्या और हमास के मुख्य बम निर्माता याह्या अय्याश का मोबाइल फोन से मर्डर भी इजरायली जासूसी एजेंसी मौसाद ने बिना किसी शख्स के मौके पर रहते हुए की.
जनवरी 1996 में याह्या अय्याश का कत्ल
याह्या अब्द-अल-लतीफ अय्याश हमास का मुख्य बम निर्माता और इज्ज एड-दीन अल-कसाम ब्रिगेड की सामरिया बटालियन का नेता था. ‘इंजीनियर’ के नाम से मशहूर अय्याश को इजरायली यात्री बसों पर आत्मघाती हमले करने की रणनीति शुरू करने के लिए जिम्मेदार माना जाता था. उसकी ओर से किए गए बम विस्फोटों में लगभग 90 इजरायली मारे गए. भेस बदलने में माहिर अय्याश तीन साल तक इजरायल में सबसे ज़्यादा वांटेड व्यक्ति था. 1995 में यह पता चलने के बाद कि अय्याश गुप्त रूप से पश्चिमी तट से गाजा चला गया और हमास के लोगों के बीच रह रहा था. इजरायली खुफिया एजेंसियों ने एक ऑपरेशन प्लान किया, क्योंकि उसकी गिरफ्तारी या हवाई हमला विफल होने का डर था और इसमें अनावश्यक रूप से दूसरे नागरिक हताहत हो सकते थे.
मोबाइल से की अय्याश की हत्या
फिलिस्तीनियों के लिए वह एक मशहूर नायक था, लेकिन अय्याश की हत्या 1996 में इजरायल की कमांडो टीम और जासूसी एजेंसी शिन बेट ने की. शिन बेट ने अय्याश के एक भरोसेमंद दोस्त को धोखा देकर उसे बम से भरा सेल फोन दिया. जब अय्याश ने इसका इस्तेमाल किया तो शिन बेट ने उसे विस्फोट कर दिया, जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई. जिस शख्स ने शिन बेट की फोन बदलने में मदद की उसको 1 मिलियन डॉलर और संयुक्त राज्य अमेरिका में शरण दी गई.
क्यों पेजर का इस्तेमाल करता है हिजबुल्लाह?
पेजर का अंतिम बार व्यापक रूप से इस्तेमाल 1980 और 90 के दशक में किया गया था, लेकिन इसी डिवाइस को लेबनान में घातक विस्फोटों की श्रृंखला के लिए प्रयोग किया गया. बेरूत में बड़े पैमाने पर कैफे, रेस्तरां और शॉपिंग सेंटरों में पेजर ब्लास्ट देखने को मिला, जिसकी संख्या 4 हजार तक पहुंच गई है. कुछ समय से हिजबुल्लाह संचार के लिए पेजर का उपयोग कर रहा था, क्योंकि मोबाइल फोन की तुलना में इसपर शख्स की लोकेशन का पता लगाना बहुत मुश्किल है. फरवरी में एक भाषण में महासचिव हसन नसरल्लाह ने हिज़्बुल्लाह के सदस्यों और उनके परिवारों से अपने मोबाइल फोन का उपयोग बंद करने का आग्रह किया था.
पेजर से होने वाले फायदे
पेजर में गोपनीयता का लाभ है, क्योंकि यह एकतरफा रिसीवर हैं यानी यह बेस स्टेशन को कोई सूचना वापस नहीं भेजते. कॉल के स्थान पर पेजर संदेश या ध्वनि संदेश भेजता है, जिससे स्थान का पता लगाना लगभग असंभव है, क्योंकि उनमें जीपीएस नहीं होता. यह उपकरण सेलुलर टावरों के बजाय रेडियो सिग्नलों पर निर्भर होते हैं. 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक के प्रारंभ में मोबाइल फोन और स्मार्टफोन के आविष्कार के बाद से पेजर के उपयोग और लोकप्रियता में गिरावट आई है. कुछ व्यवसायों में अभी भी इनका प्रयोग किया जाता है, जिनमें अस्पतालों में डॉक्टर और नर्स शामिल हैं.
सिर्फ यहां हुए पेजर ब्लास्ट
लेबनान में बहुत बड़ी तादाद में लोग पेजर का इस्तेमाल करते हैं और जिन पेजरों में ब्लास्ट हुआ है. वह हाल ही में ताइवान की कंपनी से मंगाए गए थे. हालांकि इस बारे में ताइवान ने सफाई देते हुए कहा है कि उसने एक यूरोप की कंपनी को इन्हें बनाने का ठेका दिया था. अब खबर सामने आई है कि लेबनान की मध्य बेका घाटी के अली अल-नहरी और रियाक कस्बों में ही पेजर्स में विस्फोट हुआ, क्योंकि यह स्थान हिजबुल्लाह के गढ़ हैं.
पेजर ब्लास्ट पर दो थ्योरी
पेजर ब्लास्ट में को लेकर दो अलग-अलग थ्योरी भी सामने आ रही हैं, जिसमें से एक सिद्धांत यह है कि साइबर सुरक्षा में सेंध लगी थी, जिसके कारण पेजर्स की लिथियम बैटरियां अत्यधिक गर्म हो गईं और उनमें विस्फोट हो गया. जबकि दूसरा यह कि यह एक ‘हमला’ था, जहां बनाने और शिपिंग प्रक्रिया के दौरान पेजर्स के साथ छेड़छाड़ की गई थी. हालांकि जानकार कहते हैं कि विस्फोट ‘इतने बड़े हैं कि यह रिमोट और प्रत्यक्ष हैकिंग नहीं हो सकती, जिससे पेजर ओवरलोड हो जाए और लिथियम बैटरी में विस्फोट हो जाए.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button