दुनियां – संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव से दूर रहकर भारत ने क्या संदेश दिया? – #INA

संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल के खिलाफ एक प्रस्ताव पास हुआ है. इस प्रस्ताव के अनुसार इजराइल को 12 महीने के अंदर फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति खत्म करनी होगी. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, लेकिन भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. माना जा रहा है कि भारत ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाकर इजराइल के साथ अपनी दोस्ती निभाई है.
193 सदस्यों वाले UNGA में 124 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया वहीं अमेरिका-इजराइल समेत 14 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की. इसके अलावा भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली और यूक्रेन समेत 43 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी भारत ने इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव से दूरी बनाई थी.

#BREAKING
UN General Assembly ADOPTS resolution demanding that Israel brings to an end without delay its unlawful presence in the Occupied Palestinian Territory, and do so within 12 months
Voting result
In favor: 124
Against: 14
Abstain: 43 pic.twitter.com/hIwn7y6EY4
— UN News (@UN_News_Centre) September 18, 2024

प्रस्ताव से दूरी बनाकर भारत ने दिया संदेश
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया, जिसमें मांग की गई थी कि इजरायल 12 महीने के अंदर बिना किसी देरी के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी अवैध उपस्थिति समाप्त करे. भारत ने इस प्रस्ताव को लेकर हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लेकर साफ कर दिया है कि इजराइल उसका अटूट दोस्त है.
दरअसल भारत हमेशा से इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के लिए ‘टू नेशन’ समाधान का समर्थन करता रहा है. युद्ध के बीच भारत ने गाजा में हो रही मौतों पर चिंता भी जताई है लेकिन हर बार ऐसा करने से पहले इजराइल पर हुए हमास के हमले की निंदा की है. मौजूदा समय में इजराइल भारत का एक अच्छा मित्र है, दोनों देशों के बीच रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी मजबूत हुई है. ऐसे में भारत ने इजराइल के खिलाफ इस प्रस्ताव से दूरी बनाकर अपनी दोस्ती निभाई है.
पहले भी प्रस्ताव से दूरी बना चुका है भारत
पिछले साल अक्टूबर में गाजा जंग की शुरुआत में ही जॉर्डन ने UNGA में एक प्रस्ताव पेश किया था. इसमें गाजा में तुरंत संर्घष विराम की मांग की गई थी, जिससे गाजा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाई जा सके. लेकिन भारत ने तब भी वोटिंग से किनारा करना बेहतर समझा.
प्रस्ताव पास होना फिलिस्तीन की बड़ी जीत
इस प्रस्ताव का पास होना फिलिस्तीन के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है. इस प्रस्ताव में फिलिस्तीन ने अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उल्लंघन का मुद्दा उठाया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि इजराइल ने फिलिस्तीन के क्षेत्रों में अवैध कब्जा किया है और उसे 12 महीने के अंदर बिना देरी किए इन क्षेत्रों से कब्जा छोड़ना होगा.
किन-किन देशों ने पक्ष में की वोटिंग?
ईरान, इराक, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, जापान, जॉर्डन, ब्राजील, ब्रुनेई, बांग्लादेश, बेलारूस, बेल्जियम, चीन, मिस्र, मालदीव, तुर्किए, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, कतर, स्पेन, रूस, श्रीलंका, UAE और पाकिस्तान समेत 124 देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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