दुनियां – लेबनान में बुलेट ट्रेन की रफ्तार से मिसाइल क्यों बरसा रहा इजराइल, जल्दी के पीछे कहीं ये वजह तो नहीं – #INA
लेबनान में इजराइल के हमले तेज होते जा रहे हैं, पिछले 3 दिनों में इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के 2 हजार से अधिक ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है. इजराइली हमलों में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 5 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं.
इस बीच इजराइली सेना ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उसके हमलों के बाद रिहाइशी इलाकों में हिजबुल्लाह के हथियारों में विस्फोट हो रहे हैं. इस वीडियो के जरिए इजराइल अपने उस दावे को मजबूत करना चाहता है जिसमें उसने हिजबुल्लाह पर आम लोगों के घरों में हथियार छिपाने का आरोप लगाया था.
Secondary Explosions = Stored Munitions
It’s basic. Secondary explosions occur because we are precisely targeting the munitions of Hezbollah that are aimed at killing our civilians. pic.twitter.com/HvgbEkps2L
— Israel Defense Forces (@IDF) September 25, 2024
वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि अभी वो रुकने वाले नहीं हैं, यानी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजराइली हमले जारी रहेंगे.
साथ ही इजराइली सेना के चीफ हर्जी हलेवी ने जल्द हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी आक्रमण के भी संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि लेबनान में जारी हमलों के जरिए ग्राउंड इन्वेजन के लिए जमीन तैयार की जा रही है. एक ओर अमेरिका-फ्रांस और उनके सहयोगियों ने तत्काल 21 दिनों के युद्धविराम की अपील की है तो दूसरी ओर इजराइल की ओर से जमीनी आक्रमण की तैयारी से कई सवाल पैदा हो रहे हैं.
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लेबनान में बुलेट ट्रेन की रफ्तार से हमला क्यों?
दरअसल इजराइल ने जब गाजा पर हमला शुरू किया था तो युद्धविराम की कोशिशें इतनी जल्दी और इतनी तेज शुरू नहीं हुईं थी. लेबनान को लेकर पश्चिम देशों का रुख गाजा की तुलना में अलग नजर आता है. लेबनान की बात आते ही फ्रांस अक्सर डटकर खड़ा हो जाता है ऐसे में लेबनान में ज्यादा समय तक युद्ध करना इजराइल के लिए आसान नहीं होगा, साथ ही अमेरिका ने जिस तरह गाजा युद्ध को लेकर इजराइल को हथियार और सहयोग दिया है वैसा सहयोग लेबनान के मामले में मिलना मुश्किल है. शायद यही वजह है कि इजराइल काफी तेजी से लेबनान में अपने अभियान को पूरा करने में लगा है.
इजराइल की जल्दबाजी की वजह समझिए
वैसे तो इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 8 अक्टूबर से ही तनाव बरकरार है, लेकिन पिछले हफ्ते से ही दोनों के बीच जंग के आसार दिखने लगे थे जब लेबनान में 17 और 18 सितंबर को हजारों पेजर्स और वॉकी टॉकी में ब्लास्ट हुए. इन धमाकों में करीब 37 लोगों की मौत हो गई वहीं 3 हजार से अधिक लोग घायल हो गए. बताया जाता है कि इन मारे गए लोगों और घायलों में हिजबुल्लाह के लड़ाके भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. हिजबुल्लाह के सदस्य एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए पेजर्स और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते थे, लेकिन इन धमाकों ने उसके संचार तंत्र को बुरी तरह से नष्ट कर दिया है.
एक ओर हजारों लड़ाके घायल हैं तो वहीं दूसरी ओर संचार के मजबूत साधन भी मौजूद नहीं है. इसके अलावा इजराइली सेना हिजबुल्लाह के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर समेत 70 खुफिया ठिकानों को भी निशाना बना चुकी है, जिससे हिजबुल्लाह को जानकारी जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में माना जा सकता है कि हिजबुल्लाह इस वक्त कमजोर स्थिति में है. लिहाजा इजराइल के लिए हिजबुल्लाह के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने और उसे पूरा करने का यह सबसे माकूल वक्त हो सकता है.
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दुश्मन की कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश?
हालांकि हिजबुल्लाह के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने इजराइल को इसके लिए चेताया भी है क्योंकि दोनों के बीच हुई 2006 वॉर (जुलाई वॉर) पर नज़र डालें तो यह उसके लिए गलती भी साबित हो सकती है. माना जाता है कि इजराइल ने हर बार हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में आक्रमण को लेकर गलत रणनीतिक परिणाम का आकलन किया है.
लेकिन तब और अब में काफी अंतर है. इजराइली सेना के मुताबिक उसके हमलों में हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप की लगभग दो पंक्तियां खत्म हो चुकी हैं. हिजबुल्लाह के 9 टॉप लीडर्स और कमांडर्स में से अब महज 3 जिंदा बचे हैं बाकी सभी को इजराइली सेना ने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया है.
Source-X/IDF (Israel Defense Force)
ऐसे में इजराइली सेना चाहेगी कि युद्धविराम के लिए वैश्विक दबाव ज्यादा बढ़ने से पहले ही दुश्मन की कमजोरी का फायदा उठाया जाए और जल्द से जल्द लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों और बचे हुए हथियारों को खत्म कर अपनी सीमा पर लौटा जाए.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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