दुनियां – नसरल्लाह की मौत पर पाकिस्तान में प्रदर्शन का ऐलान, पढ़ी जाएगी जनाजा की नमाज – #INA

इजराइल के हमले के बाद हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर पाकिस्तान में जमात-ए-इस्लामी ने प्रदर्शन का ऐलान किया है. जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के प्रमुख हाफिज नईम-उर-रहमान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि हसन नसरल्लाह के लिए पूरे देश में उनकी अनुपस्थिति में जनाजा की नमाज पढ़ी जाएगी.
हाफिज नईम-उर-रहमान ने कहा कि नसरल्लाह की हत्या के विरोध में आज जमात-ए-इस्लामी पूरे देश में धरना देगी. उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोगों को इजराइल के नाजायज जायोनी राज्य के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.
हाफिज नईम-उर-रहमान ने कहा कि आज पूरे देश में लेबनान और फिलिस्तीन के प्रतिरोध बलों के साथ जनता एकजुटता व्यक्त करेगी. नसरल्लाह की हत्या और लेबनान और फिलिस्तीन में इजराइल के क्रूर आतंकवाद के खिलाफ आज शाम 4 बजे इस्लामाबाद प्रेस क्लब के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि नसरल्ला ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह के जंग का नेतृत्व किया था. उसी के नेतृत्व में समूह पड़ोसी देश सीरिया के क्रूर संघर्ष में शामिल हुआ था. बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेत हरेक पर इजराइली हवाई हमले में संगठन का सरगना मारा गया और जहां वह रह रहा था, हमले में वहां कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं.
एक बयान में कहा कि हिजबुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरल्ला अपने साथी महान शहीदों में शामिल हो गए हैं, जिनका उन्होंने 30 साल तक एक जीत से दूसरी जीत तक नेतृत्व किया था. समूह ने कहा कि वह यरूशलम के रास्ते पर शहीद हो गए.
नसरल्लाह ने 1992 में इजराइली मिसाइल हमले में अपने पूर्ववर्ती की मौत के बाद हिजबुल्ला की कमान संभाली थी और तीन दशक तक संगठन का नेतृत्व किया. उसके नेतृत्व संभालने के पांच साल बाद अमेरिका ने हिजबुल्ला को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था.
लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके कर मुख्य रूप से हिजबुल्ला के सदस्यों को निशाना बनाया गया, जिनमें 39 लोगों की मौत हो गयी थी और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए थे.
लेबनान ने इसके लिए इजराइल को दोषी ठहराया, लेकिन इजराइल ने न जिम्मेदारी ली न ही इसका खंडन किया. नसरल्ला ने जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया था. लेबनान के अधिकारियों के मुताबिक लेबनान पर इजराइली हमलों में पांच दिनों में 700 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें कम से कम 150 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
नसरल्ला ने धमकी दी थी कि उसकी ओर से बमबारी जारी रहेगी और इजराइली उत्तर में अपने घरों को तब तक वापस नहीं लौट सकेंगे जब तक कि गाजा में इजराइल का अभियान खत्म नहीं हो जाता. नसरल्ला को उसके समर्थक करिश्माई और निपुण रणनीतिकार मानते थे. उसने हिजबुल्लाह को इजराइल के कट्टर दुश्मन के रूप में परिवर्तित किया और ईरान के शीर्ष धार्मिक नेताओं और हमास जैसे फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन को मजबूत किया.
वह अपने लेबनानी शिया अनुयायियों का आदर्श तथा अरब और इस्लामी जगत के लाखों लोगों के बीच सम्मानित था. उसे सैय्यद की उपाधि दी गई थी जो एक सम्मानजनक उपाधि थी, जिसका उद्देश्य शिया धर्मगुरु के वंश को दर्शाना था, जो इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मुहम्मद तक जाती है.
नसरल्ला की छवि लेबनान भर में समूह के गढ़ के पोस्टर-बैनर दिखाई देती है. विशेष रूप से दक्षिणी बेरूत में जहां हिजबुल्ला का मुख्यालय है. उसकी तस्वीर न केवल लेबनान में बल्कि सीरिया और इराक जैसे देशों में भी दुकानों में दिखाई देती है. ताकतवर होने के बावजूद नसरल्ला अपने जीवन के अंतिम वर्षों में इजराइली हमले के डर से अधिकतर समय छिपकर रहा और उपग्रह मोबाइल फोन से तकरीर दी.
नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्ला ने 2006 में 34 दिनों के युद्ध के दौरान इजराइल के साथ गतिरोध की स्थिति पैदा कर दिया था. उसे उस युद्ध का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप 18 साल के कब्जे के बाद 2000 में दक्षिणी लेबनान से इजराइली सैनिकों की वापसी हुई. नसरल्ला का सबसे बड़ा बेटा हादी 1997 में इजराइली सेना के खिलाफ लड़ाई में मारा गया था. सीरिया में 2011 में जब लड़ाई शुरू हुई तो नसरल्ला ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के बलों का साथ दिया.
नसरल्ला नौ भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और उसका जन्म बेरूत के उत्तरी उपनगर शारशाबूक में एक गरीब परिवार में हुआ था. वह 16 साल की उम्र में इराक के पवित्र शिया शहर नजफ गया, जहां ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के नेता दिवंगत अयातुल्ला खुमैनी उस समय निर्वासन में रहते थे और धर्म की शिक्षा देते थे. बाद में नसरल्लाह ने कौम शहर में पढ़ाई की थी.
नसरल्ला हिजबुल्ला के संस्थापकों में से एक था. पार्टी का गठन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्यों द्वारा किया गया था, जो 1982 की गर्मियों में इजराइली सेना से लड़ने के लिए लेबनान आए थे. नसरल्ला के परिवार में उसकी पत्नी फातिमा यासीन, तीन बेटे जवाद, मोहम्मद-महदी और मोहम्मद अली और एक बेटी जैनब हैं. साथ ही कई पोते-पोतियां भी हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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