दुनियां – ये नैतिकता से परे हैं… पोप फ्रांसिस ने इजराइली हवाई हमलों की आलोचना की – #INA
Pope Francis On Israel Attack: पोप फ्रांसिस ने रविवार को लेबनान में हिजबुल्लाह पर इजराइली सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने लेबनान पर इजराइली हवाई हमलों की आलोचना की और कहा कि ये नैतिकता से परे हैं. इजराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख सैय्यद हसन नसरल्लाह और आतंकवादी संगठन के कई शीर्ष कमांडरों की मौत की पुष्टि हुई है.
कैथोलिक समुदाय के 266वें पोप फ्रांसिस ने यह बात तब कही जब पत्रकारों ने उनसे बेल्जियम से रोम लौट रहे विमान पर लेबनान में इजराइली हवाई हमलों के परिणामों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा, ‘कोई भी देश जो इस तरह से बल का प्रयोग करता है. चाहे वह कोई भी देश हो, जो इस तरह से अत्यधिक कार्य करता है, वह अनैतिक कार्यों के लिए खुद को उधार देता है.’
मरने वालों के लिए पोप फ्रांसिस ने की प्रार्थना
दुनिया के लगभग 1.2 बिलियन कैथोलिक समुदाय का नेतृत्व करने वाले पोप फ्रांसिस ने यूक्रेन, फिलिस्तीन और इजराइल, सूडान, म्यांमार में युद्ध में मारे गए और घायल हुए सभी देशों के लिए शांति की प्रार्थना की. उन्होंने अपने एक्स पर लिखा कि, ‘दुख और बड़ी चिंता के साथ मैं लेबनान में संघर्ष के फैलने और बढ़ने पर नजर रख रहा हूं. आइए हम पीड़ितों, उनके परिवारों और शांति के लिए प्रार्थना करें.’
27 सितंबर को इजराइली सेना ने लेबनान के शहर बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला किया और नसरल्लाह समेत कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया. नसरल्लाह ने 2006 में इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह के युद्ध का नेतृत्व किया था. वह 30 साल तक ईरान समर्थित उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख पद पर काबिज था.
इससे पहले पोप फ्रांसिस ने संघर्ष को घृणा बताया था
इससे पहले 15 सितंबर को पोप फ्रांसिस ने भी फिलिस्तीन और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष को घृणा करार दिया था. साथ ही युद्ध को खत्म करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष खत्म होना चाहिए और सभी बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि वह इस मुद्दे पर बातचीत जारी रखेंगे और शांति का समाधान निकालने की खोज करेंगे.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link