दुनियां – कहीं मेडिकल यूज के लिए वैध, कहीं पूरी तरह बैन…भारत से चीन, जापान, इजराइल तक ऐसे हैं गांजा को लेकर नियम – #INA
भारत में गांजे को वैध करने की चर्चा लंबे समय से की जा रही है, हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के बयान ने जहां एक ओर साधु-संतों में नाराजगी पैदा कर दी है तो वहीं दूसरी ओर एक बार फिर गांजे के इस्तेमाल को लेकर नई बहस छेड़ दी है. दरअसल अफजाल अंसारी ने कहा है कि सरकार को भांग की तरह गांजे के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत में लाखों लोग गांजा पीते हैं और इसे भगवान का प्रसाद मानते हैं ऐसे में इसे वैध कर देना चाहिए. अखिलेश यादव की पार्टी के सांसद का कहना है कि जिस तरह शराब और भांग का सेवन करना वैध है इसी तरह गांजे को भी वैध कर देना चाहिए. उनके इस बयान से भारत की सियासत का काफी गरमाई हुई है. वहीं दूसरी ओर गांजे के चिकित्सकीय इस्तेमाल को लीगन करने की बहस भी फिर शुरू हो गई है.
भारत में गांजे को लेकर क्या है नियम?
भारत में गांजे की खेती या सेवन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, फिर भी कई बार लोग इसका सेवन करते या बेचते पकड़े जाते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. दरअसल भारत में पहले गांजे का इस्तेमाल भी खुले तौर पर किया जा सकता था, लेकिन 1985 के बाद राजीव गांधी सरकार ने इस पर रोक लगा दी. राजीव सरकार ने 1985 में नारकोटिक ड्रग और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत गांजे की खेती और इसका सेवन प्रतिबंधित कर दिया.
क्या सिर्फ नशे के लिएइस्तेमाल होता है गांजा?
गांजे में टेट्राहाइड्रोकार्बनबिनोल पाया जाता है जिसे THC कहा जाता है, इसका इस्तेमाल नशे के लिए होता है. दूसरे पौधों की तरह इसमें भी तना, पत्ती, फल और बीज होता है. जिससे भांग और गांजा बनता है. इसके पौधे की नर प्रजाति को भांग और मादा प्रजाति को गांजा कहा जाता है. मादा पौधे के फूल, पत्तियों और जड़ को सुखाकर गांजा तैयार किया जाता है क्योंकि इसमें THC की मात्रा ज्यादा होती है. वहीं नर पौधे की पत्ती को पीसकर भांग तैयार की जाती है.
दुनियाभर में गांजे की खेती कर लोग लाखों रुपये कमाते हैं. लेकिन इसका इस्तेमाल न केवल नशे के लिए होता है बल्कि दवा बनाने में भी किया जाता है. इसके जरिए मिर्गी जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इसके अलाना कीमोथैरेपी के बाद शरीर में दिखने वाले कुछ लक्षणों को भी मेडिकल गांजे की मदद से रोकथाम की जा सकती है. यही वजह है कि दुनियाभर के कई देशों में गांजे के सीमित इस्तेमाल को वैध करार दिया गया है.
किन देशों में बैन है गांजा?
यूरोप के ज्यादातर देशों में मेडकल गांजे को ही वैध किया गया है, यानी किसी बीमारी के इलाज के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन रिक्रिएशन (नशे के लिए) गांजे की अनुमति नहीं है. वहीं एशियाई देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान और इंडोनेशिया जैसे देशों में यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
अमेरिका के फेडरल कानून में गांजे का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, लेकिन 37 राज्यों में डॉक्टर के प्रिस्क्राइब करने का गांजे का इस्तेमाल कर सकते हैं. अमेरिका के कई राज्यों में गांजे को मिरगी से जुड़े दो रोगों के लिए वैध माना गया है. देश के कई राज्य ऐसे हैं जो गांजे के सेवन को कानूनी बना चुके हैं.
इन देशों में गांजे के इस्तेमाल की छूट
नीदरलैंड्स में गांजा पूरी तरह लीगल है, इसके अलावा जस्टिन ट्रूडो के देश कनाडा में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग 30 ग्राम गांजा रख सकते हैं, इसके अलावा व्यस्क लोगों को अपने घर पर 4 पौधे लगाने की भी मंजूरी है. वहीं साउथ अफ्रीका में भी व्यस्क गांजे का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर इसका सेवन करने की मनाही है.
वहीं जर्मनी में करीब एक साल पहले गांजे के इस्तेमाल और खेती को वैध बनाने की शुरुआत हुई थी, नए कानून के मुताबिक वहां लोग इसका इस्तेमाल और खेती कर सकेंगे. इसका मकसद गांजे की कालाबाजारी और ड्रग्स से जुड़े अपराधों को रोकना है.
जापान के नए कानून में सज़ा का प्रावधान
जापान में मेडिकल इस्तेमाल के लिए गांजा वैध है, जबकि इसके रिक्रिएशनल (नशे के लिए) इस्तेमाल को आपराधिक श्रेणी में लाने की तैयारी हो रही है. सरकार का फैसला 12 दिसंबर से लागू होगा. जबकि गांजे की खेती या इसका सेवन करना पहले से अवैध था, लेकिन अब नए कानून के जरिए इसमें 7 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान रखा गया है.
आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल जापान में गांजे से जुड़े आपराधिक केस में 6482 लोगों के खिलाफ जांच की गई, इसमें 70 फीसदी से ज्यादा केस टीनएजर्स और 20 साल की उम्र के युवाओं से जुड़े थे. हालांकि मेडिकल प्रोडक्ट्स के लिए जापान इसके इस्तेमाल को मंजूरी देगा, लेकिन ऐसी दवाएं सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल के लिए ही इस्तेमाल होंगी.
चीन में किन चीजों में इस्तेमाल होता है गांजा?
चीन में गांजे का सेवन करना प्रतिबंधित है लेकिन इसका इस्तेमाल धागे से लेकर कपड़ा बनाने तक में होता है. गांजे से बने कपड़े में एंटी बैक्टीरियल-एंटी वायरल गुण होते हैं. इसे दुनियाभर में बेचा जाता है. इसके अलावा अब कॉस्मेटिक जैसे सीरम, सनस्क्रीन्स और क्रीम बनाने में भी गांजे के पौधे की पत्ती का इस्तेमाल होता है. हालांकि चीन में गांजे से बनी कुछ पारंपरिक दवाओं इस्तेमाल का इतिहास रहा है लेकिन वहां मेडकिल और रिक्रिएशन (नशे के लिए) गांजे का इस्तेमाल नहीं कर सकते. चीन में PRC क्रिमिनल लॉ के तहत इसे हेरोइन, अफीम, मोरफीन और कोकेन की श्रेणी में रखा गया है.
गांजा रिसर्च का हब है इजराइल
इजराइल को गांजा इंडस्ट्री के डेवलपमेंट और रिसर्च के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. इजराइल में गांजे का क्लीनिकल ट्रायल और मेडिकल इस्तेमाल के लिए रिचर्स करने के नियमों को आसान बनाया गया है. 1960 से ही इजराइल ने इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करना शुरू कर दिया था जब इजराइल के केमिस्ट रफाएल मेकौलम ने गांजे के महत्वपूर्ण तत्वों के स्ट्रक्चर और फंक्शन को पहचानने में मदद की थी. उन्हें गांजा विज्ञान के क्षेत्र को खोलने का श्रेय दिया जाता है.
इजराइल में 2017 में दक्षिणपंथी नेता शैरेन हस्केल ने गांजे को आपराधिक श्रेणी से बाहर करने में बड़ी भूमिका निभाई, उन्होंने इसे पब्लिक हेल्थ इश्यू बताया. हालांकि 1990 में ही इजराइल ने मेडिकल इस्तेमाल के लिए गांजे को लीगल कर दिया था लेकिन मनोरंजन के लिए इस्तेमाल पर पाबंदी है, हालांकि भारत की तरह गांजा रखने या सेवन करते हुए पकड़े जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान नहीं है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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