दुनियां – इजराइल ने ईरान पर पलटवार का बदला प्लान, कहीं ये वजह तो नहीं? – #INA

एक अक्टूबर को ईरान के हमले के बाद माना जा रहा था इजराइल के निशाने पर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज होंगी, लेकिन अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल फिलहाल ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमला नहीं करेगा. यह दावा तब किया गया है जब 5 अक्टूबर को ईरान में आए एक भूकंप को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
दरअसल दावा किया जा रहा है कि 5 अक्टूबर को ईरान ने परमाणु हथियार का परीक्षण किया है, जिसके चलते ईरान के सेमनान प्रांत में 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र 12 किलोमीटर की गहराई पर था, हालांकि एक्सपर्ट्स इस दावे की पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन इस घटना के ठीक दो दिन बाद न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल, ईरान के मिलिट्री ठिकानों, इंटेलीजेंस और लीडरशिप साइट्स को निशाना बना सकता है.
‘न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट नहीं करेगा इजराइल’
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल फिलहाल ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट नहीं बनाएगा, हालांकि कहा गया है कि अगर ईरान इसके बाद कोई जवाबी कार्रवाई करता है तो इजराइल इसके बारे में सोच सकता है. कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि इजराइल ईरान के तेल भंडारों पर अटैक कर सकता है, इससे ईरान को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा और वैश्विक स्तर पर तेल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है.
पूर्व पीएम नेफ्टाली बेनेट ने की थी मांग
वहीं इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने मंगलवार को एक वीडियो स्टेटमेंट जारी कर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज को निशाना बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यह मौका एक पूरी जिंदगी में एक बार मिलने वाले अवसर जैसा है. इससे पहले एक अक्टूबर को ईरान के हमले का बाद भी नेफ्टाली बेनेट ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट करने और मध्य पूर्व का नक्शा बदलने की मांग की थी.
ईरान ने इजराइल को फिर दी चेतावनी
वहीं ईरान, इजराइल को बार-बार बदले की कार्रवाई को लेकर चेतावनी दे रहा है. ताजा बयान में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि, ‘मैं यहूदी प्रशासन को सलाह देता हूं कि वो ईरान के संकल्प की परीक्षा न ले. अगर हमारे देश पर किसी भी तरह का हमला होता तो जवाबी कार्रवाई और भी ज्यादा शक्तिशाली होगी.’ अराघची ने कहा कि ईरान के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ किसी भी तरह का हमला और कड़ी प्रतिक्रिया के लिए उकसाने वाला होगा.
न्यूक्लियर साइट्स पर हमला न करने की वजह?
वहीं इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने ईरान के प्रॉक्सी गुटों हमास और हिजबुल्लाह की कमजोर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा है कि यह पहला मौका है जब हम किसी घातक प्रतिक्रिया की आशंका से डरे बिना ईरान के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ इजराइली अधिकारियों का मानना है कि ईरान के परमाणु साइट्स को निशाना बनाने से वह अलर्ट हो सकता है, माना जा रहा है कि ऐसे में ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में और तेजी से काम कर सकता है जो इजराइल के लिए ज्यादा बड़ा खतरा हो सकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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