दुनियां – इजराइल के खिलाफ जेलेंस्की वाला ‘फॉर्मूला’ अपना रहा हिजबुल्लाह…नंबर दो के लीडर ने कहा- ‘युद्धविराम ही समाधान लेकिन…’ – #INA
नसरल्लाह की मौत के बाद ऐसा माना जा रहा था कि हिजबुल्लाह कमजोर पड़ गया है. लेकिन बीते कुछ दिनों में हिजबुल्लाह ने इजराइल पर हमले तेज कर दिए हैं. इजराइली सैन्य ठिकाने हिजबुल्लाह के टारगेट पर हैं और वह लगातार इजराइली सैनिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए घातक हमले कर रहा है.
वहीं हसन नसरल्लाह की मौत के बाद डिप्टी चीफ नईम कासिम लगातार इजराइल को चेतावनी दे रहे हैं. नईम कासिम ने अपने हालिया बयान में कहा है कि इस संघर्ष का समाधान युद्धविराम है लेकिन अगर इजराइल ऐसा नहीं चाहता है तो हम हमले जारी रखेंगे. कासिम ने कहा कि हिजबुल्लाह ने इजराइल को दर्द देने के लिए एक नया उपाय अपनाया है.
हिजबुल्लाह के पास करो या मरो का रास्ता?
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद संगठन कमजोर नजर आ रहा था, यही वजह है कि 2006 की जंग में नुकसान के बावजूद इजराइली सेना ने ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत कर दी. इस बीच इजराइल ने नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन के भी मारे जाने का दावा किया है, दर्जनों कमांडर्स और टॉप लीडरशिप के मारे जाने से कमजोर हुए संगठन के सामने अब एक ही रास्ता है- करो या मरो. लिहाजा हिजबुल्लाह के नंबर 2 लीडर नईम कासिम ने अब वही फॉर्मूला चुन लिया है जिसका इस्तेमाल रूस के खिलाफ यूक्रेन कर रहा है.
हिजबुल्लाह ने जेलेंस्की का ‘फॉर्मूला’ अपनाया
दरअसल अगस्त में यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके में घुसपैठ कर करीब 100 गांवों पर कब्जा कर लिया. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की बार-बार दोहरा रहे हैं कि अगर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना है तो उस पर और अधिक दबाव बनाना होगा. हिजबुल्लाह भी अब इसी पैटर्न पर काम करता नजर आ रहा है. हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से डिप्टी चीफ नईम कासिम ने तीन बार संबोधन दिया है, इन तीनों की स्पीच में एक शब्द कॉमन था, वह था- ‘युद्धविराम’.
आक्रामकता से इजराइल को झुकाने की कोशिश?
इससे पहले जब हसन नसरल्लाह ने 19 सितंबर को आखिरी बार अपना संबोधन दिया था तो उसमें युद्धविराम को लेकर गाजा की शर्त जुड़ी होती थी, लेकिन बीते कुछ दिनों से हिजबुल्लाह के सुर बदल गए हैं. वह इजराइल के साथ युद्धविराम चाहता है लेकिन इसके वह झुकने को राजी नहीं है, बल्कि आक्रामक तरीके से इजराइल को इसके लिए झुकाने की कोशिश में जुटा है. नईम कासिम ने मंगलवार को प्रसारित संबोधन में कहा है कि, समाधान युद्ध विराम है लेकिन हम यह कमजोरी के कारण नहीं कह रहे. अगर इजराइल ऐसा नहीं चाहता है तो हम इजराइल पर हमले जारी रखेंगे.’
हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ की नई धमकी
कासिम ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह इजराइल की ‘विस्तारवादी’ महत्वाकांक्षा और नया मध्य पूर्व बनाने की कोशिश में साथ दे रहा है. वहीं उन्होंने नॉर्दर्न इजराइल से विस्थापित लोगों की घर वापसी को लेकर दावा किया कि अगर युद्ध विराम होता है तभी उत्तरी इजराइल के लोग अपने घर लौट सकेंगे. नईम कासिम ने इजराइल को धमकी दी है कि अगर युद्ध जारी रहा तो नॉर्थ क्षेत्र से और अधिक इजराइलियों को विस्थापित होना होगा.
नॉर्दर्न इजराइल से 60 हजार यहूदी विस्थापित
दरअसल इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में कार्रवाई शुरू करने से पहले साफ कर दिया था कि उनका मकसद नॉर्थ इजराइल से विस्थापित लोगों को दोबारा बसाना है. पिछले साल हमास के हमले के साथ ही हिजबुल्लाह ने भी इजराइल पर रॉकेट और मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं थीं. हिजबुल्लाह के इन हमलों का मकसद इजराइल को गाजा में संघर्ष विराम के लिए मजबूर करना था, लेकिन इन हमलों के कारण इजराइल से उत्तरी इलाके से करीब 60 हजार यहूदियों को विस्थापित होना पड़ा है. इजराइल का कहना है कि वह इन्हें वापस बसाने के लिए लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
उधर हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ का कहना है कि चूंकि इजराइल ने पूरे लेबनान पर हमला किया है लिहाजा उनके संगठन को भी अब इजराइल में कहीं भी हमला करने का अधिकार है, हालांकि हिजबुल्लाह ने साफ किया है कि उनका निशाना इजराइली सेना है, वहीं 23 सितंबर से जारी इजराइली हमलों में लेबनान में अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 12 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हैं. माना जा रहा है कि इजराइल इस बार किसी भी तरह की रियायत बरतने के मूड में नहीं है, नॉर्दर्न इजराइल को हिजबुल्लाह के खौफ के साये से मुक्त कराने के लिए इजराइल हिजबुल्लाह सैन्य ताकत को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश में जुटा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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