दुनियां – कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप…अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कौन है चीन की पसंद? – #INA
चीन और अमेरिका के बीच का तनाव जगजाहिर है, अक्सर दोनों एक-दूसरे को चुनौती देते और नीतियों पर सवाल उठाते नजर आते रहते हैं. अमेरिका में सरकार चाहे किसी की भी हो लेकिन चीन के साथ अदावत कभी कम नहीं होती है. ऐसे में करीब 3 हफ्तों में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, इस बीच चीन ने खुद बताया है कि वह अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के तौर पर किसे देखना चाहता है, कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप?
चीन की राष्ट्रीय सलाहकार संस्था CPPCC की स्थायी समिति के एक प्रमुख वरिष्ठ सदस्य जिया किंगगुओ ने गुरुवार को कहा कि चीन अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के बजाय कमला हैरिस को प्राथमिकता देगा. उन्होंने ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में आई गिरावट का हवाला देते हुए यह बयान दिया है. चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (CPPCC) चीन की सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है.
‘ट्रंप प्रशासन के दौरान बुरा अनुभव’
जिया ने कहा कि मैं कमला हैरिस को प्राथमिकता दूंगा क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान हमारा अनुभव काफी बुरा रहा है. हम वह अनुभव दोहराना नहीं चाहते. ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच काफी खींचतान देखने को मिली थी, चीन का मानना है कि कमला हैरिस जिन्होंने बाइडेन की सरकार में उप राष्ट्रपति की भूमिका निभाई वह निरंतरता का प्रतिनिधित्व करती हैं. CPPCC के वरिष्ठ सदस्य जिया का कहना है कि उन्हें बाइडेन प्रशासन की सराहना से भी दिक्कत है, उनका मानना है कि बाइडेन ने चीन के खिलाफ उन कठोर नीतियों को आगे बढ़ाया जो ट्रंप प्रशासन के दौरान बनाई गईं थी.
बाइडेन सरकार में संबंधों में स्थिरता-चीन
जिया ने कहा कि फिर भी बाइडेन सरकार में चीन को लेकर अमेरिका की पॉलिसी ज्यादा स्थिर और प्रिडिक्टेबल है. हम एक-दूसरे के साथ दोबारा जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे अधिकारी मुलाकात कर रहे हैं और मुद्दों को लेकर बातचीत हो रही है. जिससे संबंधों को स्थिरता मिल रही है.
बाइडेन सरकार ने चीन के खिलाफ कई कठोर नीतियां अपनाई हैं, चाहे वह दक्षिण चीन सागर में चीन का दावा हो या ताइवान पर या फिर चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात पर रोक हो बावजूद इसके बाइडेन लगातार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करते रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव को कंट्रोल किया जा सके.
ट्रंप ने लगाया था कोरोना फैलाने का आरोप
जिया किंगगुओ ने ट्रंप को ज्यादा इमोशनल बताते हुए कहा कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन को लेकर काफी नकारात्मक जानकारियां फैलाई हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति शासन में विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को बीच संबंध काफी निचले स्तर पर पहुंच गए, खासकर 2019 वुहान में कोरोना वायरस फैलने के बाद संबंध ज्यादा तनावपूर्ण हो गए. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कोरोना वायरल फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वायरस वुहान में चीन के बायो लैब से फैला है जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. चीन को ट्रंप के आरोपों को काउंटर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना पड़ा.
चीन की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं ट्रंप?
इसके अलावा ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन के निर्यात पर टैक्स दर में वृद्धि कर दी, जिससे बीजिंग पर दबाव डालकर अमेरिका के सामान के लिए पहुंच आसान की जा सके. ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर चीन के सामानों पर 60 फीसदी टैक्स लगाने की धमकी दी है. इससे चीन की पहले से ही सुस्त अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. जिया ने कहा है कि चीन की जिनपिंग सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक आधिकारिक बयान भी तैयार कर रही है, जिससे अमेरिका के आंतरिक मसले पर दखलंदाजी के आरोप से बचा जा सके.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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