दुनियां – US Elections: किन अमेरिकी प्रेसिडेंट्स को नसीब हुई दो-दो पारियां? – #INA
अमेरिका का 235 साल पुराना लोकतंत्र प्रेसिडेंशियल सिस्टम पर चलता है. यानी सरकार का नेतृत्व राष्ट्रपति करता है, जिसे हर चार साल में जनता चुनती है. अब तक अमेरिका में 46 राष्ट्रपति हो चुके हैं. इस बार 47वां कौन बनेगा ये अब से महज 20 दिनों के बाद पता चल जाएगा. 2024 की रेस में आमने सामने हैं मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. कमला हैरिस अगर बाजी मार ले जाती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर अनूठा इतिहास बनाएंगी.
और अगर ट्रंप जीते तो वह उन राष्ट्रपति के लिस्ट में शामिल हो जाएंगे जिन्हें इस कुर्सी पर बैठने का मौका दूसरी बार मिलेगा. यूएस में कोई सिर्फ दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है. यहां पर तीसरे कार्यकाल का कोई नियम नहीं है. लेकिन जैसा कि हर नियम के लिए अपवाद होता है सो यहां भी है. अमेरिका मे एक एकलौता राष्ट्रपति ऐसा भी रहा है जो लगातार तीन बार इस पद पर रहा. नाम है- फ्रेंकलिन रूजवेल्ट. चौथी बार भी जीत गए थे लेकिन बीमारी की वजह से उनकी मौत हो गई थी.
इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि अमेरिका के चुनावी इतिहास में ऐसे कितने राष्ट्रपति हुए हैं जिन्हें दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बनने का अवसर दो बार मिला और वो भी जो इसे पूरा नहीं कर पाए?
वैसे अमेरिका में 20वीं सदी के मध्य तक ऐसा कोई नियम नहीं था कि कोई राष्ट्रपति कितनी बार चुना जा सकता है. पर अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने एक मिसाल कायम की जब उन्होंने 1796 में तीसरा कार्यकाल जारी नहीं रखने का फैसला किया. इस एक फैसले से परंपर चल पड़ी की राष्ट्रपति दो टर्म से ज्यादा नहीं काम करेगा.
ये जुबानी नियम तब तक कायम रहा जब तक फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने 1940 में तीसरा कार्यकाल और 1944 में चौथा कार्यकाल जीतकर इसे तोड़ न दिया.मगर उनकी इस बढ़ती शक्ति की वजह से चिंताए भी बढ़ने लगी. तब जाकर अमेरिका के संविधान में 22वां संशोधन हुआ. 27 फरवरी 1951 को. इस एक संशोधन ने अमेरिका में राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा फिक्स कर दी.
रूजवेल्ट का जनता के बीच लगातार जनाधार बढ़ने की वजह भी थी. दरअसल 1933 में जब रूजवेल्ट ने देश की कमान संभाली, तब अमेरिका में भीषण मंदी थी. 20 फीसदी से ज्यादा आबादी बेरोजगार थी. रूजवेल्ट ने ऐसे कई कार्यक्रम चलाए जिसकी वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी.
दो फुल टर्म पूरे करने वाले राष्ट्रपति
अमेरिका में कुल 13 राष्ट्रपति ऐसे हुए हैं जिन्होंने दो कार्यकाल पूरे किए हैं. इनके नाम है- जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन, जेम्स मेडिसन, जेम्स मोनरो, एंड्रयू जैक्सन, एस ग्रांट, ग्रोवर क्लीवलैंड, वूडरो विल्सन, ड्वाइट डी आइजेनहॉवर, रोनल्ड रीगन, बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्लयू बुश और बराक ओबामा.
इनमें से 1951 में हुए 22वें संशोधन से पहले 8 राष्ट्रपति हैं जिन्होंने बतौर दो टर्म पूरे किए.
जॉर्ज वाशिंगटन का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. वो अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने थे. 1789 से लेकर 1796 तक इस पद पर बने रहें. उसके बाद थॉमस जेफरसन, जेम्स मेडिसन, जेम्स मोनरो का नाम आता है. ये तीनों डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन पार्टी के नेता थे जो दो टर्म तक सेवारत रहे.
1829 से लेकर 1836 तक लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति का पद डेमोक्रेट नेता एंड्रयू जैक्सन ने संभाला. फिर 33 साल बाद किसी राष्ट्रपति ने दो टर्म लगातार पूरे किए. इनका नाम था एस ग्रांट जो रिपब्लिकन नेता थे.
इसमें डेमोक्रेट नेता ग्रोवर क्लीवलैंड एकमात्र ऐसे नेता है जिनके दोनों कार्यकाल के बीच में गैप रहा. उनका पहला टर्म 1885 से लेकर 1888 तक रहा. फिर 1893 में उन्हें ये मौका दोबारा मिला. इस तरह वे अमेरिका के 22वें और 24वें राष्ट्रपति बने. 1913 से लेकर 1920 तक राष्ट्रपति की कुर्सी पर डेमोक्रेट नेता वूडरो नेल्सन काबिज रहे.
1951 के बाद कितने राष्ट्रपति को मिला दो टर्म?
22वें संशोधन से सीधे प्रभावित होने वाले पहले राष्ट्रपति थे रिपब्लिकन नेता ड्वाइट डी आइजेनहॉवर. जिन्होंने 1953 से 1961 तक दो कार्यकाल राष्ट्रपति पद की कमान संभाली. 22वें संशोधन के नियमों के तहत तीसरी बार प्रेसिडेंट की दौड़ में शामिल होने से उन्हें रोक दिया गया था.
1981 से 1988 तक फिर रिपब्लिकन नेता रोनाल्ड रीगन ने अमेरिका के सबसे ताकतवर पद की बागडोर संभाली. राष्ट्रपति बनने के 70 दिन बाद ही रीगन पर गोली चली थी. इस हमले में वो बाल बाल बचे थे. रीगन के हमले के बाद लगातार दो बार रिपब्लिकन पार्टी ने चुनाव जीता.
इसके बाद डेमोक्रेट नेता बिल क्लिंटन ने प्रेसिडेंट के तौर पर दो कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरे किए. क्लिंटन अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति थे. उनका कार्यकाल 1993 से 2001 तक रहा. थियोडोर रूज़वेल्ट और जॉन एफ केनेडी के बाद वे अमरीका के तीसरे सबसे युवा राष्ट्रपति भी थे.
सबसे ताकतवर व्यक्ति बनने का मौका दूसरी बार रिपब्लिकन नेता जॉर्ज डब्ल्यू बुश को भी नसीब हुआ. वो बतौर राष्ट्रपति पद पर 2001 से 2008 तक रहे. आखिरी नाम डेमोक्रेट नेता बराक ओबामा का है, जो 2008 में चुनाव जीत अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बने. फिर दूसरी बार भी जीतकर आए और 2016 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लिया.
जिन्हें मौका तो मिला पर पूरा नहीं कर पाए
अब उन कुछ चुनिंदा लोगों के बारे में जान लेते हैं जिन्हें राष्ट्रपति बनने का दूसरा मौका तो मिला लेकिन बदकिस्मती से उसे पूरा नहीं कर पाए.
इसमें पहला नाम आता है अब्राहम लिंकन का. अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे. ये रिपब्लिकन पार्टी से थे. इनका पहला कार्यकाल 1861 में शुरू हुआ. 1865 में वो दूसरा टर्म भी जीते. लेकिन अप्रैल 14, 1865 को उनकी हत्या कर दी गई. जिसकी वजह से दूसरा कार्यकाल अधूरा रहा.
फिर अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता विलियम मैककिनले का भी दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. उनका पहला टर्म 1897 में शुरु हुआ. 1901 में वो दोबारा जीते लेकिन उसी साल उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
तीसरे व्यक्ति भी रिपब्लिन नेता ही थे, रिचर्ड निक्सन. जो 1969 में अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति बने. 1969 से 1974 तक तो वो इस पद पर रहे. फिर दूसरी बार भी चुने गए. लेकिन निक्सन को वॉटरगेट स्कैंडल के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. आज इतिहास में एकमात्र ऐसे अमरीकी राष्ट्रपति के तौर पर जाने जाते हैं, जिसे अपने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा देना पड़ा.
जो उपराष्ट्रपति थे और बाद में राष्ट्रपति बने
1945 में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की मृत्यु के बाद हैरी एस ट्रूमैन ने राष्ट्रपति का पद संभाला. ट्रूमैन तब उपराष्ट्रपति थे. उसके बाद जब चुनाव हुए तो वो जीतकर राष्ट्रपति बने. और एक टर्म पूरा किया.
इसी तरह, जब राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता विलियम मैककिनले की हत्या हुई तब थियोडोर रूज़वेल्ट उपराष्ट्रपति थे. रूज़वेल्ट ने राष्ट्रपति पद की बागडोर संभाली और बाद में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए.
डेमोक्रेट नेता लिंडन जॉनसन का राष्ट्रपति काल भी ऐसा ही था. 1963 में जब जॉन एफ. कैनेडी को गोली मार दी गई थी तब उन्होंने पदभार संभाला था और फिर 1964 में भारी जीत के बाद चुने गए थे.
1923 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति वॉरेन जी. हार्डिंग की मौत हो गई थी. उनके बाद केल्विन कूलिज राष्ट्रपति बने. इसके बाद अगले वर्ष 1924 में कूलिज को राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link